इन देशों में प्राइमरी स्कूल के टीचरों को मिलती है 87 लाख रुपये की सैलरी 

मुंबई- दुनिया में प्राइमरी टीचरों को सबसे ज्यादा सैलरी लक्जमबर्ग में मिल रही है। इस यूरोपीय देश के 15 साल का अनुभव रखने वाले हरेक टीचर को सालाना 87.27 लाख रुपये मिलती है। हर महीने के हिसाब से यह करीब 7,27,278 रुपये बैठती है। यह भारतीय टीचरों की तुलना में करीब 12 गुना अधिक है। भारतीय टीचरों को सालाना  7,34,839 रुपये सैलरी मिलती है। महीने के हिसाब से देखें तो यह राशि 61,236 रुपये बैठती है। 

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर भी यूरोपीय देश जर्मनी है। यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी वाले इस देश में टीचर की सैलरी 85,049 डॉलर है। नीदरलैंड में यह 70,899 डॉलर है। कनाडा में टीचर्स का सालाना पैकेज 70,331 डॉलर है। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का नंबर है।  

ऑस्ट्रेलिया में टीचर्स का सालाना वेतन 68,608 डॉलर है जबकि अमेरिका में यह 63,531 डॉलर है। इसके बाद आयरलैंड (62,337 डॉलर) और डेनमार्क (62,301 डॉलर) है। एशिया में सबसे ज्यादा सैलरी साउथ कोरिया के टीचर्स को मिलती है। यहां के टीचरों का सालाना पैकेज 60,185 डॉलर है। जापान में 15 साल का अनुभव रखने वाले टीचरों का सालाना वेतन औसतन 49,355 डॉलर है।  

दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया में यह आंकड़ा 43,073 डॉलर है जबकि फ्रांस के प्राइमरी टीचर्स को सालाना औसतन 40,042 डॉलर की सैलरी मिलती है। इजरायल में प्राइमरी टीचर्स को सालाना 33,671 डॉलर मिलते हैं। रूस में यह आंकड़ा 10,433 डॉलर है जबकि पाकिस्तान में टीचरों को सालाना 2,603 डॉलर मिलते हैं। भारतीय रुपयों के हिसाब से देखें तो रकम मात्र 2,16,672 रुपये बैठती है। यानी पाकिस्तान के टीचर्स को हर महीने 18,056 रुपये मिलते हैं। पाकिस्तानी रुपये में यह राशि करीब 60,000 रुपये बैठती है। 

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