चीन पर नकेल, घरेलू सौर पैनल को ही मंजूरी, असेंबलिंग पर भी लगेगी रोक 

नई दिल्ली। चीन पर नकेल कसते हुए सौर पैनल के नियमों को और कड़ा करने का फैसला किया गया है। सरकार तीन से चार साल में घरेलू स्तर पर निर्मित सेल, वेफर्स और पॉलीसिलिकॉन से बने सौर पैनल को मॉडल और निर्माताओं की मंजूरी सूची (एएलएमएम) के तहत पंजीकृत करने की योजना बना रही है। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने अपने मंत्रालय के अधिकारियों से इस संबंध में नीति तैयार करने को कहा है। 

सरकार ने सौर पैनल के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एएलएमएम की शुरुआत की थी। सिंह ने कहा कि कम दक्षता वाले मॉड्यूल को एएलएमएम से हटा दिया जाता है। हम अपनी नीतियां विकसित करेंगे। हम केवल उन मॉड्यूल की सुरक्षा करेंगे, जो भारत में बने सेल हैं। एक या दो साल में हम ऐसी नीति लाएंगे। एक से दो साल के बाद हम एक नीति लाएंगे कि वेफर्स और पॉलीसिलिकॉन भी भारत में बनने चाहिए। 

उन्होंने कहा, इस कदम से मेक-इन-इंडिया के लक्ष्य को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार अगले कुछ वर्षों में सौर पैनलों कलपुर्जों के आयात को बढ़ावा नहीं देगी। आप बाहर से सेल आयात करते हैं और यहां उसे असेंबल करते हैं। फिर यह कहकर बेचते हैं कि यह भारत में बना है, जबकि यह 90 प्रतिशत चीन में बना है। ऐसा अब नहीं चलेगा। मंत्रालय अगले वर्ष एएलएमएम की समीक्षा भी करेगा। सरकार भारत के लोगों के हितों की रक्षा के लिए निर्माताओं को किसी भी पुराने उपकरण या प्रौद्योगिकी का समर्थन करने की अनुमति नहीं देगी। 

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