अमेरिका बना भारत का सबसे बड़ा कारोबारी भागीदार, चीन दूसरे क्रम पर
नई दिल्ली। वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और घटते निर्यात-आयात के बावजूद चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है। चीन दूसरे स्थान पर रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 11.3 प्रतिशत घटकर 59.67 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 67.28 अरब डॉलर था।
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-सितंबर में अमेरिका को निर्यात एक साल पहले के 41.49 अरब डॉलर से घटकर 38.28 अरब डॉलर रहा है। आयात 25.79 अरब डॉलर से कम होकर 21.39 अरब डॉलर रहा है। चीन के साथ कारोबार 3.56 प्रतिशत घटकर 58.11 अरब डॉलर रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, पहली छमाही में चीन को भारत से निर्यात मामूली गिरकर 7.74 अरब डॉलर रहा जबकि आयात भी घटकर 50.47 अरब डॉलर रहा। अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने का रुझान आने वाले वर्षों में भी जारी रहेगा, क्योंकि नई दिल्ली और वाशिंगटन आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने में लगे हुए हैं। अमेरिका उन कुछ देशों में से एक है जिसके साथ भारत का व्यापार सरप्लस है। 2022-23 में अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था।
दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 119.5 अरब डॉलर के मुकाबले 2022-23 में 7.65 प्रतिशत बढ़कर 128.55 अरब डॉलर हो गया। 2020-21 में यह 80.51 अरब डॉलर था। चीन 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का शीर्ष व्यापारिक भागीदार था। चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात पहले स्थान पर रहा था। 2022-23 में, 76.16 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। इसके बाद सऊदी अरब (52.72 अरब डॉलर) और सिंगापुर (35.55 अरब डॉलर) थे।