चुनाव में नहीं मिल रहे हेलीकाप्टर, राजनीतिक पार्टियां ले रहीं किराये पर
मुंबई- भारत के 5 राज्यों में चुनाव होने को एक महीने से भी कम वक्त बचा है। लोकसभा में भी चुनाव होने को कुछ ही महीने रह गए हैं। सभी पार्टियों का प्रचार- प्रसार जोर-शोर से चल रहा है। मगर एक ऐसा भी शोर, जो जमीन पर नहीं, आसमानों में गूंज रहा है। वह है चार्टर हेलीकॉप्टर का शोर। क्योंकि नेताओं के आने-जाने का सिलसिला इतना तेज हो गया है कि उड़ानों की संख्या में भारी डिमांड देखने को मिल रही है और इस हफ्ते तो इन उड़ानों की मांग भी आसमान छूती दिखाई दी है।
हेलीकॉप्टर को रेंट पर लेने के लिए भी लोग जमकर पैसा दे रहे हैं। एक सूत्र के मुताबिक, रेंट के रेट में करीब 25 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। इस उछाल की दूसरी मुख्य वजह देश में हेलीकॉप्टर्स की सीमित उपलब्धता भी है। अगले छह से आठ महीनों में, जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आएंगे, मांग और तेज होने की उम्मीद है।
हेलीकॉप्टर उद्योग के लिए काम करने वाली गैर-लाभकारी संस्था रोटरी विंग सोसाइटी ऑफ इंडिया (RWSI) के डेटा के मुताबिक, भारत में वर्तमान में लगभग 254 चार्टर हेलीकॉप्टर हैं। हालांकि, दिलचस्प बात यह है कि उनमें से 190 हेलीकॉप्टर्स पब्लिक सेक्टर्स के लिए रखे गए हैं जिनका काम सार्वजनिक जरूरतों, रक्षा संचालन, कॉरपोरेट वेंचर्स और ऑफशोर मिशनों के लिए है। ऐसे में चुनावी बाजार को पूरा करने के लिए केवल 60-70 हेलीकॉप्टर ही उपलब्ध हैं।
राजनीतिक क्षेत्र में, दो प्रमुख राष्ट्रीय दलों, भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस के बीच एक दमदार कंपटीशन चल रहा है, जो अपने चुनावी अभियानों को मजबूत बनाने के लिए हेलीकॉप्टरों को बुक करने की होड़ में लगी हुई हैं। बेंगलूरु स्थित प्राइवेट एयरलाइन कंपनी गोल्डन ईगल एविएशन के डॉयरेक्टर जीस जॉर्ज का कहना है कि भाजपा की महत्वाकांक्षी रणनीति को देखते हुए मांग ज्यादा है। उन्होंने आगे कहा, ‘इसके विपरीत, क्षेत्रीय दल आम तौर पर अपने शीर्ष नेतृत्व के लिए एक या दो हेलीकॉप्टर ही सुरक्षित रखते हैं।’
भारत की हेलीकॉप्टर इंडस्ट्री में प्रमुख कंपनियों में पवन हंस, ग्लोबल वेक्टरा, हेलिगो चार्टर्स, हेरिटेज एविएशन और हिमालयन हेली सर्विसेज जैसे दिग्गज शामिल हैं। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे चुनावी राज्यों में मांग बढ़ी है। हालांकि, इंडस्ट्री के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मिजोरम को लेकर कम उत्साह देखने को मिल रहा है और बुकिंग कम ही देखी जा रही है। बता दें कि मिजोरम में भी 7 नवंबर को मतदान होगा।
जैसे-जैसे मांग बढ़ती जा रही है और एडवांस बुकिंग जमा होती जा रही है, साधारण सी बात है कि कीमत में बढ़ोतरी होनी है। उदाहरण के तौर पर, चेन्नई में खड़े एक विमान का प्रति घंटा चार्ज लगभग 4.5 लाख रुपये हो सकता है, लेकिन जब हमें इसे हैदराबाद से लाना होता है, तो बिल 6 लाख रुपये से 6.75 लाख रुपये के बीच हो सकता है।
अमेरिका के पास लगभग 10,000 चार्टर हेलीकॉप्टर हैं। यहां तक कि ब्राजील के साओ पाउलो जैसे शहर भी हेलीकॉप्टरों की संख्या में भारत से आगे हैं। भारत में हेलीकॉप्टरों की संख्या पहले 294 थी, जो घटकर 239 हो गई, और हाल ही में 254 तक पहुंच गई है। ऐसे में बुटोला ने एयरलाइन ऑपरेटरों और हेलीकॉप्टरों दोनों के लिए समान नियमों की आवश्यकता पर जोर दिया।