750 रुपये महंगा होकर सोना 60,600 के पार, जा सकता है 70,000 तक
मुंबई-ब्याज दरों में तेजी के साथ साथ यूएस डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में जबरदस्त इजाफे के बावजूद इस वर्ष सोने ने जुझारूपन दिखाते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है। सोने ने इस साल अब तक 9 फीसदी जबकि पिछले एक साल में 20 फीसदी का रिटर्न दिया है।
शुक्रवार को सोना 753 रुपए बढ़कर 60,693 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गए हैं। वहीं 18 कैरेट सोने की कीमत 45,520 रुपए हो गई है। चांदी की कीमत में मामूली तेजी देखने को मिल रही है। ये 667 रुपए बढ़कर 71,991 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई है। इससे पहले ये 71,324 रुपए पर थी।
अक्टूबर महीने में अब तक सोना-चांदी के दामों में शानदार तेजी देखने को मिल रही है। इस महीने अब तक सोने के दाम में 2,974 रुपए की तेजी देखने को मिली है। इस महीने की शुरुआत यानी 1 अक्टूबर को ये 57,719 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था जो अब 60,693 रुपए पर है। वहीं चांदी 71,603 रुपए प्रति किलोग्राम थी, जो अब 71,991 रुपए पर आ गई है।
मध्य पूर्व देशों में जारी सैन्य संघर्ष और अमेरिका में आगे ब्याज दरों में बढ़ोतरी की क्षीण होती संभावना के बीच इंटरनैशनल मार्केट में शुक्रवार यानी 20 अक्टूबर को सोने की कीमत बढ़कर अपने 3 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई।
ज्यादातर जानकार मान रहे हैं कि अगले साल दूसरी छमाही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती का सिलसिला शुरू कर सकता है। अगले साल की शुरुआत से ही सोने की कीमतों में शानदार तेजी शुरू हो सकती है। कैलेंडर ईयर 2024 के अंत तक घरेलू बाजार में 70 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक ऊपर जा सकता है। केंद्रीय बैंकों की खरीद के साथ साथ फिजिकल और ईटीएफ बॉयिंग में आगे अच्छी खासी तेजी आएगी। अभी भी भारत और चीन जैसे देशों में मजबूत फिजिकल बाइंगआ रही है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के ताजा आंकड़ों के अनुसार सितंबर महीने में चीन के केंद्रीय बैंक की तरफ से 26 टन गोल्ड की खरीदारी की गई। इस तरह से इस साल चीन की तरफ से कुल खरीदारी बढ़कर 181 टन तक पहुंच गई गई है। पिछले नवंबर से चीन के केंद्रीय बैंक का गोल्ड रिजर्व 243 टन बढ़ा है। फिलहाल चीन का कुल गोल्ड रिजर्व 2,192 टन का है। लेकिन अभी भी चीन का गोल्ड रिजर्व उसके कुल फॉरेक्स रिजर्व का महज 4 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है। भारत के आरबीआई की तरफ से भी सितंबर में 15 टन गोल्ड की खरीदारी की गई जो पिछले 15 महीने में की गई सबसे ज्यादा खरीदारी है।
चीन के फारेक्स रिजर्व की तुलना में उसके पास सोना काफी कम है। चीन अपने गोल्ड रिजर्व को बढ़ाकर कम से कम फॉरेक्स रिजर्व के 10 फीसदी तक भी ले जाता है तो इसके लिए उसे अतिरिक्त 3 हजार टन से ज्यादा गोल्ड की खरीदारी करनी होगी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की तरफ से हालिया किए गए सर्वे के मुताबिक 24 फीसदी केंद्रीय बैंक अगले 12 महीने में गोल्ड रिजर्व बढ़ाना चाहते हैं।
कैलेंडर ईयर 2024 के अंत तक सोना घरेलू बाजार में 72,500 के ऊपरी लेवल तक जा सकता है। जबकि इंटरनैशनल मार्केट में इसके 2,260 डॉलर प्रति औंस तक ऊपर जाने का अनुमान है। जियो-पॉलिटिकल टेंशन, केंद्रीय बैंकों के साथ साथ मजबूत फिजिकल और इन्वेस्टमेंट बाइंग, अर्थव्यवस्था में धीमी तेजी, उच्च महंगाई दर सोने के लिए प्रमुख सपोर्टिव फैक्टर्स होंगे। इसके साथ ही ज्यादा वैल्यूएशन को लेकर इक्विटी में गिरावट की आशंका, रुपये में नरमी गोल्ड की कीमतों को सपोर्ट कर सकते हैं।
जेपी मॉर्गन की ताजा रिपोर्ट में भी गोल्ड में अगले साल की दूसरी छमाही में शानदार रैली का अनुमान जताया गया है। इस रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा कैलेंडर ईयर की अंतिम तिमाही अक्टूबर -दिसंबर के दौरान सोने की औसत कीमत 1,920 डॉलर प्रति औंस रह सकती है। जबकि अगले वर्ष यानी 2024 की पहली, दूसरी, तीसरी और चौथी तिमाही में सोने का औसत भाव क्रमश: 1950, 2,030, 2,100 और 2,175 डॉलर प्रति औंस रह सकता है।