अदाणी का अच्छा दिन आया, कांग्रेस, वाम दल और भाजपा आए एक साथ
मुंबई- गौतम अडानी का कारोबार, एयरपोर्ट्स, बंदरगाहों, खानों, एनर्जी और रियल एस्टेट सहित कई सेक्टर्स में फैला हुआ है। पिछले कुछ वर्षों से सरकार से कथित निकटता के चलते अडानी विपक्ष के निशाने पर रहे हैं। राहुल गांधी सहित कई विपक्षी नेता अडानी ग्रुप पर सवाल उठाते रहते हैं। लेकिन अब अडानी के एक बिजनस को लेकर विपक्षी दलों के बीच सकारात्मक माहौल बन रहा है। विपक्षी नेता इसकी तारीफ भी कर रहे हैं।
केरल में तिरुवनंतपुरम के पास विझिंजम बंदरगाह अपनी तरह का देश का पहला बंदरगाह है। यह केरल सरकार और अडानी ग्रुप के बीच पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में 7,700 करोड़ रुपये से बना है। इस पोर्ट का संचालन अडानी ग्रुप द्वारा किया जाता है। यह एक गहरे पानी वाला समुद्री बंदरगाह है, जहां दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाज आ सकते हैं।
रविवार को विझिंजम बंदरगाह पर दुनिया के सबसे बड़े जहाजों में से एक हेवी कार्गो कैरियर ‘जेन हुआ 15’ पहुंचा था। यह जहाज पूर्वी चीन सागर से यहां पहुंचा था। यह विझिंजम पोर्ट पर पहुंचने वाला पहला कार्गो कैरियर है। जेन हुआ 15 के विझिंजम पोर्ट पर आने पर आतिशबाजी, गुब्बारों और जयकारों से शानदार स्वागत हुआ। जबकि अडानी ग्रुप की विपक्षी दलों से आलोचना ही होती रही है।
इस आयोजन को बीजेपी नेता वी मुरलीधरन, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, कांग्रेस नेता वीडी सतीसन और केरल के सीएम और सीपीआई (एम) नेता पिनराई विजयन के एक साथ आने ने असामान्य बना दिया। इन्होंने जहाज का पोर्ट पर स्वागत किया। अडानी के नए बंदरगाह ने विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा इसका जश्न मनाने का एक अजीब दृश्य पेश किया है।
अडानी लंबे समय से कांग्रेस के निशाने पर है, क्योंकि इसके नेता राहुल गांधी ने अडानी को एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बना दिया है। खासकर अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद। इतना ही नहीं, कांग्रेस और सीपीआई (एम) अडानी के बंदरगाह का श्रेय लेने के लिए लड़ रहे हैं।
सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम मोर्चा और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी यूडीएफ दोनों ने विझिंजम बंदरगाह परियोजना का श्रेय लिया, जिससे जुबानी जंग शुरू हो गई। कांग्रेस नेता वीडी सतीसन ने स्वर्गीय पूर्व सीएम ओमन चांडी को परियोजना को संभव बनाने के लिए श्रेय दिया। जबकि विजयन पर इसके बारे में दावा करने का अधिकार नहीं होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘पिनराई उस समय पार्टी सचिव थे और उन्होंने 6,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जब परियोजना की कुल लागत 5,000 करोड़ रुपये थी। उन्होंने यूडीएफ सरकार के खिलाफ एक रियल एस्टेट घोटाले का भी आरोप लगाया था। अब वही पिनराई श्रेय ले रहे हैं।’
इसके साथ ही भारत दुनिया के सबसे बड़े कंटेनर जहाजों के नक्शे पर आ गया है। अब तक, दुनिया के कुछ बड़े कंटेनर शिप भारत नहीं आ पाते थे। ऐसे जहाजों को संभालने के लिए देश के बंदरगाह पर्याप्त गहरे नहीं थे। ये जहाज भारत के बजाय कोलंबो, दुबई या सिंगापुर जैसे बंदरगाहों पर पहुंचते थे। अब ये जहाज केरल के विझिंजम पोर्ट पर आ सकेंगे। अडानी ग्रुप द्वारा संचालित इस बंदरगाह का टार्गेट सालाना 10 लाख कंटेनरों को संभालना है। इससे रोजगार के मौके तो बढ़ेंगे ही, साथ में निवेश भी आकर्षित होगा।