शेयर बाजार में 1,000 रुपये के निवेश ऐसे बना सकते हैं 10 हजार रुपये  

मुंबई- शेयर मार्केट में 100 से अधिक भी रिटर्न मिलता है लेकिन इसके लिए आपको बाजार के नियमों का पालन करना जरूरी है।  

100 गुना या इससे अधिक रिटर्न देने वाले स्मॉल कैप और पेनी स्टॉक्स तो कई हैं। लेकिन कई ऐसे बड़े स्टॉक्स भी हैं, जिन्होंने अपने निवेशकों को 100 गुना रिटर्न दिया है। इनमें इंफोसिस, टाइटन, एचडीएफसी बैंक और एशियन पेंट्स जैसे दिग्गज शेयर भी शामिल हैं। आप ऐसे समझें कि बीएसई सेंसेक्स साल 1979 में 100 रुपये के बेस के साथ शुरू हुआ था। यह फरवरी, 2006 में 10,000 अंक का आंकड़ा छूकर पहली बार 100 गुना बना था। ऐसे दर्जनों शेयर हैं, जिन्होंने 100 गुना रिटर्न दिया है। 

अब सवाल यह है कि मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली कंपनी की क्या पहचान होती है। जो कंपनी लगातार ग्रो कर रही हो और जिसके रेवेन्यू में ग्रोथ हो रही हो, कमाई बढ़ रही हो, वह मल्टीबैगर रिटर्न दे सकती है। शेयर की कीमत लंबी अवधि में अर्निंग्स पर शेयर को फॉलो करती है। इसलिए किसी कंपनी का ईपीएस (EPS) ऊपर जाता है, तो हमेशा उस कंपनी के शेयर की कीमत भी ऊपर जाती है। 

बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों के लिए 100 गुना बनना आसान होता है। किसी 2% बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनी को अपनी बाजार हिस्सेदारी को दोगुना, तिगुना करना बहुत आसान होना चाहिए। उस कंपनी की तुलना में जो 30% बाजार हिस्सेदारी लिये बैठी है। कंपनी के लो बेस के चलते यह आसान होता है। इसलिए उन कंपनियों पर अधिक फोकस करें, जिनका एम-कैप 5,000 करोड़ से कम हो या 3000 करोड़ से भी कम हो। 

100 गुना रिटर्न में हम कुछ वर्षों में 1 को 100 में बदलना चाहते हैं। इस सूत्र में r सालाना रिटर्न और t वर्ष को दर्शाता है। निवेशक इस सूत्र को कई तरीकों से यूज कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपको 30 साल में अपने एक लाख रुपये को एक करोड़ रुपये बनाना है, तो आपको 16.6 फीसद के सालाना रिटर्न की जरूरत होगी। इसके साथ ही आप इस सूत्र से यह भी जान सकते हैं कि एक निश्चित रिटर्न पर अपनी रकम को 100 गुना करने में आपको कितना वक्त लगेगा।  

जैसे अगर आपको 12 फीसद रिटर्न मिल रहा है, तो आपके एक लाख रुपये 40.6 साल में एक करोड़ बन जाएंगे। इसी तरह 15 फीसद के सालाना रिटर्न पर आपको अपने निवेश को 100 गुना करने में 33 साल लग जाएंगे। वहीं, आप 11 वर्षों में अपना पैसा 100 गुना करना चाहते हैं, तो आपको एक ऐसे निवेश की पहचान करनी होगी, जो इस अवधि के दौरान प्रत्येक वर्ष 50% तक रिटर्न दे। अर्निंग पर शेयर के साथ ही एक चीज और बड़ी महत्वपूर्ण है। यह है प्राइस अर्निंग मल्टीपल या पीई रेश्यो। प्राइस अर्निंग मल्टीपल बढ़ा हुआ होना चाहिए। यह सिर्फ यही नहीं बताता है कि शेयर कितना महंगा है।  

अगर कोई किसी स्टॉक या किसी सेक्टर का लंबे समय से अध्ययन करता है, जो वह जान सकता है कि वह कंपनी या सेक्टर निवेशकों के लिए कितना वैल्यूबल है। पीई रेश्यो कई चीजों पर निर्भर करता है। सबसे बड़ी बात, एक कंपनी की कमाई की क्षमता में वृद्धि होनी चाहिए। यह आमतौर पर तेजी से ग्रो कर रही या नई कंपनियों में देखा जाता है। उन कंपनियों और सेक्टर्स की तलाश करें, जिनके पीई मल्टीपल के ऊपर की ओर जाने की संभावना है। 

अब 100 गुना रिटर्न चाहिए तो यह रातों-रात तो हो नहीं सकता। इसके लिए निवेशक को धैर्य रखना होता है। क्रिस्टोफर मेयर के एक रिसर्च में निष्कर्ष निकला कि एक कंपनी को 100-बैगर कंपनी बनने में औसतन 26 साल लगते हैं। यानी आप भले ही जल्दी निवेश करना शुरू कर दें, फिर भी आप अपना पहला 100-बैगर अपने 40 या 50 वें दशक में देख पाएंगे। इसलिए धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है। 

(यह लेख सिर्फ सूचना के लिए है। इस आधार पर निवेश की सलाह नहीं दी जाती है। निवेश के लिए आप सलाहकारों की मदद लें।) 

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