35 लाख लोगों का इनकम टैक्स रिफंड अटका, यह है इसका मुख्य कारण
मुंबई- आयकर विभाग के पास करदाताओं के बैंक खातों के मिलान और सत्यापन में गड़बड़ी के कारण 35 लाख रिफंड के मामले अटके हुए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने कहा कि कर अधिकारी एक विशेष कॉल सेंटर के जरिये ऐसे करदाताओं से संपर्क कर रहे हैं।
CBDT प्रमुख ने कहा कि विभाग ऐसे करदाताओं के साथ ‘पत्राचार कर रहा है’ और इन मुद्दों को जल्द हल करने की उसकी कोशिश है। उन्होंने कहा, ‘‘हम करदाताओं के सही बैंक खातों में रिफंड जल्दी जमा करना चाहते हैं। तकनीकी बदलाव के कारण कुछ पुरानी मांगें करदाताओं के खातों में दिख रही है।
गुप्ता ने कहा, 2011 में एक तकनीकी बदलाव किया था, और कागज आधारित रजिस्टर की जगह कंप्यूटर को अपनाया गया और इसलिए कुछ पुरानी मांगें करदाताओं के खातों में दिख रही हैं। उनसे करदाताओं को 2010-11 के आसपास के वर्षों से संबंधित पुरानी मांगें मिलने के बारे में पूछा गया था, जिनके चलते उनका रिफंड अटक गया है। उन्होंने कहा कि ऐसे सभी मामलों का समाधान किया जा रहा है।
CBDT प्रमुख ने कहा कि मैसूरु स्थित कॉल सेंटर के जरिये पिछले साल ऐसे 1.4 लाख मामलों का समाधान किया गया। शुरुआत में यह कॉल सेंटर कर्नाटक और गोवा, मुंबई, दिल्ली तथा उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के लिए काम कर रहा था, लेकिन अब इसे अन्य क्षेत्रों में विस्तारित करने की योजना है।
CBDT आयकर विभाग का प्रशासनिक निकाय है। गुप्ता ने कहा कि विभाग या मूल्यांकन अधिकारी के स्तर पर रिकॉर्ड अपडेट के अलावा रिफंड रुकने का एक और कारण हैं। कुछ मामलों में रिफंड इसलिए रुका है, क्योंकि करदाता ने अपने बैंक खाते का सत्यापन नहीं किया है। इन मामलों में या तो बैंक का विलय हो गया है या करदाता ने शहर बदल दिया है।