इस त्योहारी सीजन में मिलेंगी सात लाख नौकरियां, अब तक चार लाख मिलीं
मुंबई- इस साल मौजूदा त्योहारी सीजन के बीच ई-कॉमर्स की बिक्री पूरे जोरों पर होने से उम्मीद की जा रही है कि देश भर में रोजगार सृजन पिछले साल से कहीं अधिक रहेगा। कर्मचारियों का इंतजाम करने वाली फर्मों के अनुमान के मुताबिक देश में अब तक लगभग 4,00,000 दिहाड़ी नौकरियां मिल चुकी हैं। साल के अंत तक यह संख्या 7,00,000 तक पहुंचने की उम्मीद है।
दिहाड़ी नौकरियों की संख्या पिछले साल पूरी त्योहारी अवधि के दौरान सृजित नौकरियों की कुल संख्या को पार कर चुकी है। वर्ष 2022 में सितंबर से दिसंबर के बीच ऐसी 4,00,000 नौकरियां सृजित की गई थीं। इस साल त्योहारी सीजन के दौरान कर्मचारियों की बढ़ती मांग पिछले साल की तुलना में लगभग 40 प्रतिशत अधिक है। मांग में इस इजाफे को मुख्य रूप से ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों द्वारा आयोजित प्रमुख बिक्री कार्यक्रमों से बढ़ावा मिल रह है।
मसलन ई-कॉमर्स क्षेत्र की प्रमुख कंपनी एमेजॉन इंडिया ने हाल ही में घोषणा की है कि उसने देश के त्यौहारी सीजन के लिए अपने परिचालन नेटवर्क में 1,00,000 से अधिक सीजनल नौकरी दी है। इन अवसरों में देश भर में मुंबई, दिल्ली, पुणे, बेंगलूरु, हैदराबाद, कोलकाता, लखनऊ और चेन्नई जैसे शहरों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां शामिल हैं।
इसी तरह वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली इसकी प्रतिस्पर्धी कंपनी फ्लिपकार्ट ने भी पहले कहा था कि वह इस अवधि के दौरान भंडारगृह और छंटाई केंद्रों और डिलिवरी केंद्रों सहित अपनी आपूर्ति श्रृंखला में 1,00,000 से अधिक नए रोजगार के अवसर पैदा करेगी। एमेजॉन (एमेजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल) और फ्लिपकार्ट (द बिग बिलियन डेज) दोनों के ही प्रमुख बिक्री कार्यक्रम 8 अक्टूबर से शुरू हो चुके हैं। मीशो और स्नैपडील जैसी अन्य ई-कॉमर्स फर्मों पर भी बिक्री चल रही है।
अकेले क्रिकेट विश्व कप से ही 1,00,000 अतिरिक्त नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है, जिनमें से अधिकांश में डिलिवरी क्षेत्र, परिवहन, आतिथ्य और इवेंट प्रबंधन में काम करने वाले गिग कर्मचारी शामिल रहेंगे। त्योहारी सीजन से पहले पिछले कुछ महीने में नौकरियों में लगातार इजाफा देखा गया है।
पिछले महीने की तुलना में सितंबर में घरेलू उपकरण उद्योग में नौकरियों में 11 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जबकि खुदरा क्षेत्र में नौ प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी गई। वर्ष के शेष भाग में नई नौकरियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। हालांकि कर्मचारियों का इंतजाम करने वाली फर्मों के आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से अधिकांश गिग या अस्थायी वाली नौकरियां होंगी।