रिलायंस जनरल इंश्योरेंस को जीएसटी महानिदेशालय का 922 करोड़ का नोटिस
मुंबई- रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (RGIC) के लिए भी एक नई मुश्किल खड़ी हो गई है। कंपनी को जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने कई कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं जिसमें कुल 922.58 करोड़ रुपये की टैक्स डिमांड की गई है।
यह नोटिस कंपनी को ऐसे समय थमाई गई है जब रिलायंस कैपिटल वर्तमान में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) प्रक्रिया के तहत कर्ज समाधान से गुजर रही है और हिंदुजा ग्रुप विजेता के रूप में उभरा है। बता दें कि हिंदुजा से पहले टोरेंट ग्रुप ने नीलामी के पहले राउंड में बोली जीती थी, जबकि रिलायंस कैपिटल के ऋणदाताओं द्वारा आयोजित दूसरी नीलामी में यह बोली हिंदुजा ग्रुप ने जीत ली।
इस समय यह तय नहीं हो पाया है कि रिलायंस की इस सब्सिडियरी की हिस्सेदारी किसके हाथ में जाएगी। दूसरी नीलामी को टोरेंट ग्रुप की तरफ से चुनौती देने के बाद हिंदुजा अधिग्रहण को वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी का इंतजार है। टोरंट की याचिका पर 11 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
बैंकरों ने कहा कि फ्रेश डिमांड से कंपनी के मूल्यांकन पर असर पड़ेगा। हिंदुजा ग्रुप ने कंपनी के लिए 9,800 करोड़ रुपये का नकद ऑफर किया था। कंपनी द्वारा 22,000 करोड़ रुपये के कर्ज पर चूक के बाद नवंबर 2021 में रिलायंस कैपिटल को कर्ज समाधान के लिए भेजा गया था। RGIC को DGGI से चार नोटिस प्राप्त हुए, जिसमें अलग-अलग रकम के GST भुगतान की मांग की गई।
इस नोटिस में 478.84 करोड़ रुपये, 359.70 करोड़ रुपये, 78.66 करोड़ रुपये और 5.38 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस शामिल है। ये नोटिस पुनर्बीमा और सह-बीमा जैसी सर्विसेज से प्राप्त राजस्व से संबंधित हैं। RGIC एक मुनाफा कमाने वाली कंपनी है जो रिलायंस कैपिटल की सब्सिडियरी के तौर पर एक अहम भूमिका निभाती है। यह सब्सिडियरी रिलायंस कैपिटल की टोटल वैल्यू का लगभग 70 प्रतिशत है। कंपनी को GST नोटिस एक अहम समय में मिला है क्योंकि रिलायंस कैपिटल वर्तमान में नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के माध्यम से कर्ज समाधान प्रक्रिया पर काम कर रही है और हिंदुजा ग्रुप इस साल जुलाई में विजेता के रूप में उभरा है।