खुदरा कर्ज में बेतहाशा वृद्धि को लेकर आरबीआई चिंतित, बैंकों को रखें सावधानी
नई दिल्ली। हाल में खुदरा कर्ज खासकर पर्सनल लोन सहित अन्य असुरक्षित कर्ज में बेतहाशा वृद्धि पर आरबीआई ने चिंता जताई है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) से कहा है कि वे इस तरह के कर्ज पर आंतरिक निगरानी मजबूत करें। साथ ही मजबूत जोखिम प्रबंधन भी लागू करें। उन्होंने कहा, आरबीआी तनाव के संकेतों पर कड़ी नजर रख रहा है।
आरबीआई ने कहा, खुदरा असुरक्षित कर्ज में वृद्धि से वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो सकता है। इसने आरबीआई को इस तरह के जोखिम को पहचनाने के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करेंगे कि सुरक्षा की पहली परत के रूप में बैंक, एनबीएफसी और फिनटेक उचित आंतरिक नियंत्रण की योजना बनाएंगे। साथ ही चेतावनी दी कि अगर बैंक और एनबीएफसी पर इस पर कार्रवाई नहीं करता है तो आरबीआई खुद इस पहलू की जांच करेगा।
दास ने कहा कि पर्सनल लोन के कुछ सेगमेंट में बहुत अधिक वृद्धि हो रही है। ऐसे में शुरुआती खतरे के किसी भी संकेत के लिए आरबीआई इसकी बारीकी से निगरानी कर रहा है। बैंकों और एनबीएफसी को जोखिमों के निर्माण को रोकने के लिए अपने आंतरिक निगरानी तंत्र मजबूत करने होंगे। साथ ही उपयुक्त सुरक्षा उपाय करने होंगे।
क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन और माइक्रोफाइनेंस जैसे असुरक्षित कर्जों में उच्च वृद्धि के बारे में बैंकिंग नियामक पहले से ही चेतावनी दे रहा है। डेप्यूटी गवर्नर जे स्वामीनाथन ने कहा, पिछले दो वर्षों में बैंकिंग के कर्ज 12-14 फीसदी बढ़े हैं, जबकि इसी दौरान असुरक्षित खुदरा कर्ज में 23 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसलिए नियामक की चिंता बढ़ गई है। किसी तरह के खतरे के पैदा होने पर बाद में दुख जताने के बजाय उसे अभी ठीक करना बेहतर है।