शराब गटकने वालों को मिल सकती है खुशी, जीएसटी में कम हो सकती हैं दरें 

मुंबई- गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स काउंसिंल की 52वीं बैठक शनिवार को होने जा रही है। बैठक में क्या बड़े फैसले होंगे, क्या बदलाव हो सकते हैं इन सब पर लगाचार चर्चा जारी है। जानकारी आ रही है कि शनिवार को होने वाली इस बैठक में लिकर कंपनियों के लिए अच्छी खबर आ सकती है। मोलासेस पर जीएसटी रेट 28 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर सकता है। इसी के साथ काउंसिल के पर लगने वाले टैक्स पर सफाई देने की भी उम्मीद है। 

मोलासेस का इस्तेमाल शराब बनाने में किया जाता है। एक तरह से गुड़ का शीरा या गन्ने या चुकंदर का रस निकालते वक्त मोटे द्रव के रूप में मिलता है। इसे फर्मेन्ट करके फिर इससे लिकर बनाई जाती है। खासतौर पर मोलसेस का इस्तेमाल रम बनाने के लिए किया जाता है। 

इस बार की काउंसिल मीटिंग में ईवी बैटरी, इंश्योरेंस कंपनी, मिलेट्स पर जीएसटी दरों को लेकर बदलाव होने की बात सामने आ रही है। फिटमेंट कमिटी की सिफारिशों में मिलेट्स पर जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी करने की बात कही गई है। हालांकि उद्योग द्वारा लंबे समय से की जा रही कुछ मांगों और कराधान मसले को आगे की चर्चा के लिए टाला जा सकता है। 

एक सूत्र ने बताया कि यदि किसी उत्पाद में कम से कम 70 फीसदी श्री अन्न मिला हुआ है और उसे खुला बेचा जाता है तो उस पर परिषद शून्य कर का विचार कर सकती है जबकि डिब्बाबंद या ब्रांडेड उत्पादों पर 12 फीसदी की दर से कर वसूला जा सकता है। 

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