देश में लोग क्रेडिट कार्ड से जमकर कर रहे खरीदी, 1.48 लाख करोड़ हुए खर्च 

मुंबई- देश में क्रेडिट कार्ड से खर्च  करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है और यह रेकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। आरबीआई के ताजा आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन 1.48 लाख करोड़ के ऑल-टाइम हाई स्तर पर पहुंच गई। इससे पहले मई में यह 1.40 लाख करोड़ रुपये थी। यह इस बात का संकेत है कि लोगों पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है और उनकी बचत में गिरावट आ रही है। लेकिन इसके साथ ही देश के फाइनेंशियल सिस्टम पर एक नए तरह का खतरा भी मंडराने लगा है। 

वित्त वर्ष 2023 तक देश में क्रेडिट कार्ड की संख्या 8.53 करोड़ पहुंच गई जो एक साल पहले 7.36 करोड़ थी। क्रेडिट कार्ड का प्रचलन बढ़ने के साथ ही देश में इसका एनपीए (NPA) भी बढ़ा है। पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच बैंकों के क्रेडिट कार्ड का एनपीए यानी फंसा कर्ज 24.5 फीसदी उछल गया था। वित्त वर्ष 2022 के पहले नौ महीनों में यह 765 करोड़ रुपये बढ़कर 3,887 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह क्रेडिट कार्ड के कुल बकाये का करीब 2.16 प्रतिशत है। यह राशि आपको मामूली लग सकती है लेकिन यह लगातार बढ़ रही है। 

खुद आरबीआई (RBI) ने भी इस पर चिंता जताई है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई और हाई इंटरेस्ट के बीच क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन जैसे असुरक्षित कर्ज पर बैंकों को आगाह किया है। महामारी के बाद बैंकों ने इंडिविजुअल फंडिंग को बढ़ाकर अपनी बैलेंस शीट को बढ़ाया है जबकि इस दौरान कंपनियों की तरफ से क्रेडिट डिमांड में कोई खास बढ़ोतरी नहीं हुई है। 

वित्त वर्ष 2023 में परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत करीब 55 परसेंट की गिरावट के साथ जीडीपी का 5.1 परसेंट रह गई है। इस दौरान उन पर कर्ज 15.6 लाख करोड़ हो गया है जो फाइनेंशियल ईयर 2021 के मुकाबले दोगुना से भी अधिक है। इस दौरान लोगों ने बैंक से जमकर कर्ज निकाला है। हालांकि भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में इस दौरान यह ट्रेंड देखने को मिला है। अमेरिका और यूके में भी लोग क्रेडिट कार्ड से जमकर खर्च कर रहे हैं। इन दोनों देशों में भी क्रेडिट कार्ड से लेनदेन मार्च से अगस्त के बीच रेकॉर्ड पर पहुंच गया। अमेरिका में एक महीने पहले क्रेडिट कार्ड डेट एक अरब डॉलर पहुंच गया। 

क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन की कैटगरी में आते हैं क्योंकि इनके लिए किसी कोलेट्रल की जरूरत नहीं होती है। इसलिए इनके डूबने का जोखिम सबसे ज्यादा है। अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो बैंक आपको दो विकल्प देता है। आप ड्यू डेट तक पूरा पैसा चुका सकते हैं या फिर एक मिनिमम अमाउंट पे कर सकते हैं। ड्यू डेट तक मिनिमम अमाउंट पे करने से बचा पैसा अगले महीने के बिलिंग साइकल में जुड़ जाता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति 90 दिन के भीतर मिनिमम राशि का भुगतान नहीं करता है तो उसके एनपीए करार दिया जाता है। अब क्रेडिट कार्ड डिफॉल्टर के रूप में नए तरह का फ्रॉड उभर रहा है जो देश के फाइनेंशियल सिस्टम को खोखला कर सकता है। 

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