अशनीर ग्रोवर ने कहा, 55,000 करोड़ रुपये के टैक्स से इंडस्ट्री पर होगा असर 

मुंबई- देश की सबसे बड़ी एनबीएफसी बजाज फाइनेंस करीब चार साल के अंतराल के बाद पूंजी जुटाने जा रही है। 5 अक्टूबर को कंपनी के निदेशक मंडल की बैठक तरजीही इश्यू या पात्र संस्थागत नियोजन के जरिये रकम जुटाने की मंजूरी देने के लिए होगी। हालांकि पूरी कवायद नियामकीय व शेयरधारकों की मंजूरी पर निर्भर करेगी। 

विश्लेषकों ने कहा, यह कदम अनुमान से पहले उठाया जा रहा है और उपभोक्ता उधारी क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा (खास तौर से जियो फाइनैंशियल की शुरुआत के बाद) की वजह से ऐसा हो सकता है। जियो फाइनैंशियल की कारोबारी योजना की विस्तृत जानकारी नहीं है, लेकिन उसकी योजना शुरू में उपभोक्ता व मर्चेंट उधारी में उतरने की है।

खबरें बताती है कि जियो फाइनैंशियल टिकाऊ उपभोक्ता और रिलायंस के स्वामित्व वाले लाइफस्टाइल स्टोर में प्रायोगिक तौर पर उधारी की सेवा शुरू कर चुकी है। मार्केट कैप के लिहाज से दूसरी सबसे बड़ी एनबीएफसी जियो फाइनैंसियल का इरादा उपभोक्ता उधारी, बीमा ब्रोकिंग, पेमेंट एग्रीगेटर बिजनेस, अकाउंट एग्रीगेटर बिजनेस में उतरने और परिसंपत्ति प्रबंधन सेवा देने का है। 

प्रबंधन के मुताबिक, जियो फाइनेंशियल का जोर परिचालन स्तर पर क्रियान्वयन पर है, जिसे बैंकिंग कॉरोसपोंडेंट व मर्चेंट नेटवर्क से सहारा मिलेगा, जो उसे विभिन्न वितरण चैनल व क्रॉस-सेल अवसर के जरिये वित्तीय योजनाओं की विविध रेंज की पेशकश में सक्षम बना सकता है। ऐसे में पूंजी जुटाने की कवायद प्रतिस्पर्धा की बात स्वीकार किए बिना बजाज फाइनैंस की तैयारी का हिस्सा है ताकि अगले कुछ वर्षों में उभरती प्रतिस्पर्धा का सामना कर सके। विश्लेषकों ने ये बातें कही। 

एक्सचेंजों पर बजाज फाइनैंस का शेयर कारोबारी सत्र में 5 फीसदी तक उछल गया, लेकिन अंत में 4.6 फीसदी की बढ़त के साथ 7,819 रुपये पर बंद हुआ। उधर, बजाज फिनसर्व के शेयर में 2.2 फीसदी की तेजी आई। इसकी तुलना में बेंचमार्क एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स महज 15 अंकों की बढ़त के साथ 66,023 पर बंद हुआ। 

वित्त वर्ष 24 की अप्रैल-जून तिमाही में बजाज फाइनैंस की मुख्य प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों में सालाना आधार पर 32 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई, जो वित्त वर्ष 23 में 29 फीसदी रही थी। प्रबंधन को उम्मीद है कि एयूएम की सालाना चक्रवृद्धि रफ्तार अगले कुछ वर्षों में 30 फीसदी से ज्यादा रहेगी, जो पहले 26-27 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया था। 

इसके अलावा बजाज फाइनैंस वाहन, माइक्रोफाइनैंस, ट्रैक्टर, वाणिज्यिक वाहन क्षेत्र में भी प्रवेश कर रही है, जो उसके एयूएम को उम्मीद से ज्यादा बढ़ा सकता है। खुदरा उधारी में मजबूती को देखते हुए ग्लोबल ब्रोकरेज सीएलएसए का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में खुदरा कर्ज की मजबूत रफ्तार के टिके रहने से प्रबंधन शायद पूंजी जुटाने के लिए प्रोत्साहित हुआ होगा। उसने वित्त वर्ष 25-26 में कर्ज की रफ्तार के अनुमान में 2 से 3 फीसदी की बढ़ोतरी की है। 

बजाज फाइनैंस का इरादा सर्वव्यापी वित्तीय सेवा कंपनी बनने का है, जिसका सभी उपभोक्ता टचपॉइंट में वर्चस्व हो। अगर एनबीएफसी अपने नेटवर्थ का 10 से 15 फीसदी जुटाने का फैसला करती है तो इश्यू का आकार 8,000 करोड़ रुपये (1 अरब डॉलर) हो सकता है। यह जेफरीज का अनुमान है। जेफरीज ने कहा, इससे वित्त वर्ष 24 की प्रति शेयर आय और बुक वैल्यू प्रति शेयर 6 फीसदी व 11 फीसदी बढ़ेगी, वहीं इक्विटी पर रिटर्न थोड़ा घटकर 22 फीसदी रह सकता है। 

सीएलएसए को 10,000 करोड़ रुपये जुटाए जाने की उम्मीद है और वह बुक वैल्यू प्रति शेयर में 10 से 13 फीसदी की बढ़ोतरी देख रही है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल ने कहा, बजाज फाइनैंस का सालाना इक्विटी रिटर्न पिछली पांच तिमाहियों में 23-23 फीसदी रहा है औ्र हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 24 व वित्त वर्ष 25 में यह 24-25 फीसदी रहेगा। प्रबंधन का लंबी अवधि का इक्विटी रिटर्न का अनुमान 21 से 23 फीसदी है और पूंजी जुटाने की कवायद इक्विटी रिटर्न को अनुमानित दायरे में लाने की कोशिश हो सकती है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *