रुपये की गिरावट रोकने के लिए आरबीआई बेचेगा 30 अरब डॉलर  

मुंबई- रुपये पर दवाब के बीच जर्मनी की एक ब्रोकरेज फर्म ने गुरुवार को कहा कि घरेलू मुद्रा की स्थिति बेहतर करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 594 अरब डॉलर के विदेशी मुद्रा भंडार में से 30 अरब डॉलर खर्च कर सकता है। 

डॉयचे बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह राशि खर्च करने के बाद भी भारत के पास इतना मुद्रा भंडार बचा रहेगा, जिससे वह अगले 10 माह का आयात बिल चुका सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुपया अमेरिकी डॉलर की तुलना में अपने सर्वकालिक निचले स्तर 83.30 के आसपास कारोबार कर रहा है। रिजर्व बैंक अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा बाजार में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप कर रहा है। 

ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा, आरबीआई आसानी से रुपये को मजबूत करने के लिए कम से कम 30 अरब डॉलर खर्च कर सकता है।’’ रुपया बृहस्पतिवार को कारोबार के अंत में डॉलर के मुकाबले पांच पैसे मजबूती के साथ 83.06 पर बंद हुआ। ब्रोकरेज का यह भी अनुमान है कि सब्जियों की कीमतों में गिरावट के कारण सकल मुद्रास्फीति सितंबर में तेजी से कम होकर पांच प्रतिशत पर आ जाएगी, जो अगस्त में 6.8 प्रतिशत थी। उसने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का दाम बढ़कर 95 डॉलर प्रति बैरल हो गया है। 

इसमें कहा गया कि हालांकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल के दबाव के बावजूद आगामी महीनों में राज्यों के विधानसभा चुनावों और उसके बाद लोकसभा चुनाव के कारण ईंधन की कीमतों में बदलाव की संभावना नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया कि केंद्र सरकार ने हाल ही में घरेलू रसोई गैस की कीमत 200 रुपये तक कम कर दी है, जिससे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में चौथाई प्रतिशत की कमी आएगी। 

रिपोर्ट के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मुद्रास्फीति को 0.30 प्रतिशत तक प्रभावित कर सकती है। ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2022-24 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रहने के अपने दृष्टिकोण को दोहराते हुए कहा कि अगर पेट्रोल और डीजल की घरेलू कीमतें नहीं बढ़ाई गईं, तो वृद्धि अनुमानों पर इसका प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *