बैंकों को होम लोन लेने वालों के मूल कागजात 30 दिन के अंदर लौटाने होंगे 

मुंबई- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने होम लोन लेने वालों को बड़ी राहत दी है। अब अगर लोन चुका देने के बाद बैंक, एनबीएफसी या हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां संपत्ति के डॉक्यूमेंट्स को वापस देने में देरी करती है तो उन्हें ग्राहकों को हर्जाना देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक ने बुधवार सुबह यह आदेश जारी किया। 

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सभी बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) और परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह लोन चुकता होने के बाद 30 दिन के अंदर सभी डॉक्यूमेंट्स ग्राहकों को लौटाएं। साथ ही आरबीआई ने कहा है कि इसके लिए बैंकों और सभी वित्तीय संस्थानों को किसी भी तरह का चार्ज भी हटाना होगा। 

आरबीआई ने इसी के साथ निर्देश जारी किया है कि लोन लेने वाला अपनी ब्रांच से या उस वित्तीय संस्थान की किसी भी शाखा से अपनी जरूरत के हिसाब से यह दस्तावेज वापस पा सकता है। साथ ही यह कहा गया है कि जारी किए गए सैंक्शन लेटर (ऋण स्वीकृति पत्र) में मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की समयसीमा और स्थान का उल्लेख किया जाएगा, जहां से इनको वापस किया जाना है। 

यदि कर्जदार की मृत्यु हो जाती है तो उसके उत्तराधिकारी को दस्तावेज वापस करने होंगे। आरबीआई के निर्देश के तहत इसकी जिम्मेदारी रेगुलेटेड एंटिटीज की होगी। साथ ही इस प्रक्रिया की जानकारी ऑनलाइन वेबसाइट पर भी अपलोड करना होगी। केन्द्रीय बैंक ने आदेश में यह भी कहा है कि यदि बैंक या अन्य रेगुलेटेड एंटिटीज रजिस्ट्री के कागजात या ऑरिजिनल दस्तावेज खो देते हैं तो इस स्थिति में ग्राहकों को फिर से कागजात निकलवाने में भी संबंधित संस्थानों को ही मदद करनी होगी। 

आरबीआई ने साफ किया है कि मूल चल/अचल संपत्ति दस्तावेजों को वापस करने में देरी या ऋण की पूर्ण चुकौती/निपटान के बाद 30 दिनों से अधिक समय तक दस्तावोज वापस न करने पर मुआवजा भी देना होगा। ऐसे मामले में जहां देरी रेगुलेटेड एंटिटीज के कारण होती है, वह उधारकर्ता को देरी के प्रत्येक दिन के लिए 5,000 रुपये की दर से मुआवजा देगा। 

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