कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद कंपनियां कमाएंगी 10 डॉलर तक मुनाफा 

नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें 10 महीनों में पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार कर गई हैं। इसके बावजूद भारतीय रिफाइनरी कंपनियां चालू वित्त वर्ष में लगभग 9-10 डॉलर प्रति बैरल का रिफाइनिंग मार्जिन कमा सकती हैं। केयरएज रेटिंग्स ने सोमवार को कहा कि इन रिफाइनरी कंपनियों ने अभी तक रूस से सस्ते में कच्चा तेल खरीदा है। 

इस महीने ब्रेंट क्रूड के 90 डॉलर प्रति बैरल के स्तर को पार करने के साथ रूस के कच्चे तेल की तुलना में अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क कीमतों के बीच का अंतर भारतीय कंपनियों के लिए बढ़ गया है। रूसी कच्चा तेल जी-7 के लगाए गए मूल्य सीमा 60 डॉलर प्रति बैरल से नीचे कारोबार किया था। हालांकि, हाल में उसने इस सीमा को तोड़ दिया है। अब यह लगभग 69 डॉलर पर कारोबार कर रहा है। यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद भारत की कुल कच्चे तेल के आयात रूस की हिस्सेदारी 40 फीसदी से घटकर अगस्त 2023 में 34 फीसदी हो गई है। 

सऊदी अरब और रूस ने दिसंबर 2023 तक अपने रोजाना कच्चे तेल के उत्पादन को 10 लाख बैरल तक कम करने का निर्णय लिया है। स्थिर मांग की संभावना के कारण निकट समय में कच्चे तेल की कीमतों में किसी भी बड़ी नरमी की संभावना नहीं है। 

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