कच्चे तेल की कीमतें 10 माह के शीर्ष 90 डॉलर पर, पेट्रोल-डीजल नहीं होगा सस्ता 

मुंबई- भारत में सस्ते पेट्रोल-डीजल का इंतजार कर रहे लोगों के लिए बुरी खबर है. पेट्रोल डीजल के दामों में कटौती की संभावना अब धुमिल पड़ती नजर आ रही है। सऊदी अरब और रूस के कच्चे तेल के प्रोडक्शन घटाने के फैसले के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 5 सितंबर, 2023 को तेज उछाल देखने को मिली है। दोनों देशों के इस फैसले के बाद कच्चा तेल नंबर 2022 के बाद पहली बार 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है। 

ब्रेंट क्रूड प्राइस की कीमत 1.34 फीसदी के उछाल के साथ 11 महीने के हाई 90.19 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है। वहीं WTI क्रूड के दाम 1.66 फीसदी के उछाल के साथ 87.16 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है। सऊदी अरब और रूस ने ये फैसला किया है कि दोनों ही देश दिसंबर 2023 तक 1.3 मिलियन बैरल कच्चे तेल के उत्पादन को घटायेंगे।  

सऊदी अरब अगले महीने फिर कच्चे तेल के प्रोडक्शन घटाने या बढ़ाने को लेकर समीक्षा करेगा। सऊदी अरब के समान अब रूस भी कच्चे तेल के उत्पादन को घटा रहा है। वहीं इस अवधि में रूस ने प्रति दिन 3 लाख बैरल तक कच्चे तेल के निर्यात को कम करने का भी फैसला किया है। 

सऊदी अरब और रूस के इस फैसले से भारत को बड़ा झटका लगा है। हाल ही में मोदी सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतें घटाई थी उसके बाद ये से कयास लगाया जा रहा है कि सरकार चुनावों के मद्देनजर पेट्रोल डीजल के दाम घटा सकती है. लेकिन कच्चे तेल की कीमतों में आई इस तेजी के बाद सरकार के लिए कीमतों घटाना अब बेहद मुश्किल होगा। 

2023 में जब कच्चे तेल के दाम 75 से 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब आ गई थी तो सरकारी तेल कंपनियों को पेट्रोल डीजल बेचने पर भारी मुनाफा हो रहा था. तब इन कंपनियों ने आम लोगों को पेट्रोल डीजल के दाम घटाकर कोई राहत नहीं दी। ऐसे में अब जब कच्चा तेल 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है तो सरकारी कंपनियां अब पेट्रोल डीजल के दामों में कोई कटौती करेंगी इसे लेकर अब संशय नजर आ रहा है। 

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