टमाटर प्याज के बाद चीनी की बारी, कीमत बढ़कर 6 साल में सबसे ज्यादा
मुंबई- आने वाले त्योहारों के सीजन में मिठाईयां खरीदने पर आपकी जेब पर डाका पड़ सकता है। क्योंकि महंगी चीनी मिठाईयों के मिठास को फीकी कर सकती है. चीनी के दामों में आग लगी है। चीनी की कीमत 6 सालों के उच्च स्तरों पर जा पहुंची है। इस साल मानसून में कम बारिश के चलते गन्ने के प्रोडक्शन पर असर पड़ा है जिसके चलते चीनी के दामों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है।
बॉम्बे सुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन के प्रेसीडेंट अशोक जैन ने कहा कि चीनी मिलें गन्ने के प्रोडक्शन में गिरावट से परेशान हैं। बारिश की कमी से फसल प्रभावित होने के चलते चीनी का उत्पादन घट सकता है। ऐसे में चीनी मिलें अब कम दामों पर चीनी बेचने को तैयार नहीं हैं। चीनी का उत्पादन 3.3 फीसदी की कमी के साथ अक्टूबर से शुरू हो रहे नए सीजन में 31.7 मिलियन टन रहने का अनुमान है। सबसे ज्यादा गन्ने का उत्पादन कर्नाटक और महाराष्ट्र में प्रभावित हुआ है जहां कुल आउटपुट का आधा उत्पादन होता है।
चीनी के दामों में उछाल के बाद अब कयास लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर चीनी के निर्यात पर भी रोक लगा सकती है। केंद्र सरकार गेहूं और चावल के एक्सपोर्ट पर पहले ही रोक लगा चुकी है। अक्टूबर महीने से शुरू हो रहे नए सीजन में चीनी मिलों के एक्सपोर्ट करने पर रोक लगाने का फैसला लिया जा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो सात वर्षों में ये पहला मौका होगा जब चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन लगेगा।
सरकार का सबसे पहला फोकस घरेलू मार्केट में चीनी की जरुरतों को पूरा करना है साथ ही इसके अलावा सरप्लस चीनी से एथनॉल का प्रोडक्शन भी होना है। बहरहाल सरकार चीनी के प्रोडक्शन में गिरावट के चलते निर्यात पर रोक लगी तो दुनियाभर में खाद्य महंगाई में तेज उछाल देखने को मिल सकती है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा बाजार में एक जुलाई 2023 को चीनी का औसतन कीमत 42.98 रुपये किलो थी जो 5 सितंबर को बढ़कर 43.42 रुपये किलो औसतन हो चुकी है। जबकि एक जनवरी 2023 को 41.45 रुपये किलो हुआ करती थी। चीनी के दामों में उछाल जारी रही है तो बिस्कुट से लेकर चॉकलेट, कोल्ड ड्रींक्स, मिठाईयां जैसी सभी चीजें महंगी हो जाएंगी.