फाइनेंशियल इन्फ्लूएंसर शेयरों की सलाह देकर बना रहे उल्लू, अब लगेगी लगाम 

मुंबई- युवाओं की लगातार बढ़ती संख्या को देख सोशल मीडिया पर फाइनेंसियल इनफ्लुएंसर्स या फिनफ्लुएंसर भी काफी एक्टिव हो गए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वित्तीय सलाह देने वाले एक्सपर्ट्स की बाढ़ सी आ गई है। इनमें से ज्यादातर के पास कोई डिग्री भी नहीं है। अब एक नया ट्रेंड सामने आया है। इसमें कई फाइनेंस इनफ्लुएंसर में खुद ट्रेडिंग में नुकसान उठाने के बाद उसे कवर करने के लिए युवाओं को फ्यूचर एंड ऑप्शन के कोर्स बेचकर पैसे वसूल रहे हैं। अब सेबी इन फिनफ्लुएंसर्स पर लगाम लगाने की तैयारी कर रहा है।

निवेशकों तक सटीक और निष्पक्ष जानकारी पहुंचाने के लिए बाजार नियामक सेबी वित्तीय ‘इन्फ्लूएंसर’ पर अंकुश लगाने जा रहा है। वित्तीय इन्फ्लूएंसर डिजिटल मीडिया, चैनल आदि के माध्यम से लोगों को निवेश के बारे में सलाह देते हैं। दरअसल ऐसा पता चला था कि ये वित्तीय इन्फ्लूएंसर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करने के लिए 7.5 लाख रुपये तक लेते हैं और अपनी राय से लोगों के वित्तीय फैसलों को प्रभावित करते हैं। 

हालांकि, अब इन्हें नियामक के दायरे में आना होगा, क्योंकि भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) इनकी तेजी से बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है। आनंद राठी वेल्थ के उप मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) फिरोज अजीज ने बताया कि सेबी का प्रस्तावित कदम यह सुनिश्चित करता है कि निवेशकों को सटीक और निष्पक्ष जानकारी मिले। इससे उन्हें धोखाधड़ी से बचाने में भी मदद मिलेगी।

प्रस्ताव के तहत वित्तीय इन्फ्लूएंसर को सेबी के पास अपना पंजीकरण कराना होगा, और विशिष्ट दिशानिर्देशों का पालन करना होगा। इसके अलावा इनके म्यूचुअल फंड और शेयर ब्रोकरों के साथ साझेदारी करने पर भी प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है। सोशल मीडिया पर कई इन्फ्लूएंसर अच्छी जानकारी देते हैं, लेकिन इस बात की आशंका बढ़ रही है कि अनियंत्रित इन्फ्लूएंसर जोखिमों को बढ़ा सकते हैं और पक्षपातपूर्ण या भ्रामक सलाह दे सकते हैं।

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