मारुति सुजुकी अगले 8 सालों में करेगी 45 हजार करोड़ रुपये का निवेश
मुंबई- देश की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी वित्त वर्ष 2030-31 तक, यानी आने वाले 8 सालों में 4 मिलियन कारों की उत्पादन क्षमता हासिल करने के लिए प्रयास कर रही है। इसके लिए कंपनी 45,000 करोड़ रुपये के अपने मौजूदा कैश रिजर्व का इस्तेमाल करेगी।
कंपनी, अपने तीसरे विस्तार चरण की शुरुआत करते हुए, अगले 8 वर्षों के भीतर 2 मिलियन अतिरिक्त कारों की उत्पादन क्षमता को जोड़ने का लक्ष्य बना रही है, जैसा कि वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान मारुति सुजुकी के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने खुलासा किया।
भार्गव ने कहा कि इस अवधि के दौरान कंपनी को दोगुने से अधिक राजस्व की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कंपनी के इस तेज ग्रोथ के लिए जरूरी है कि कंपनी का पुनर्गठन किया जाए। और इसी कड़ी में गुजरात में प्रोडक्शन सर्विस एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसके चलते सुजुकी कॉरपोरेशन को 1.8 प्रतिशत इक्विटी प्राप्त होगी, जो मारुति के अनुमानित लाभ की तुलना में मामूली मानी जाएगी।
मारुति द्वारा सुजुकी कॉर्पोरेशन के गुजरात प्लांट के अधिग्रहण को लेकर भार्गव ने कहा कि मारुति का विकास चरण, जिसे ‘Maruti 3.0’ नाम दिया गया है, में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), सीएनजी, इथेनॉल और सीबीजी जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में मजबूत निवेश शामिल होगा। यह कंपनी की स्थिरता और उन्नत सुरक्षा मानकों की वैश्विक खोज के अनुरूप है।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आरसी भार्गव ने कंपनी की नई योजना ‘Maruti 3.0’ के बारे में बताते हुए कहा कि इसके तहत अगले नौ सालों में कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता में 20 लाख इकाई प्रति वर्ष की बढ़ोतरी करने पर फोकस करेगी।इस विस्तार योजना के तहत वित्त वर्ष 2031 के अंत तक लगभग 28 अलग-अलग तरह के मॉडल कंपनी जारी करेगी।
2022-2023 की एनुअल रिपोर्ट में कंपनी के शेयरधारकों को संबोधित करते हुए आरसी भार्गव ने कहा, ‘कंपनी वर्तमान में एसयूवी की बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर फोकस कर रही है। कंपनी ये क्षमता विस्तार वर्तमान और भविष्य की मांग को ध्यान में रखते हुए कर रही है।’
बिकने वाली गाड़ियों की संख्या की बात करें तो देसी बाजार में मारुति की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023 में 41.3 फीसदी रही। भार्गव ने कहा कि कंपनी जल्द से जल्द इसे बढ़ाकर 50 फीसदी तक लाना चाहती है। वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का निर्यात 8.8 फीसदी बढ़कर 2,58,333 वाहन हो गया।