अमीर निवेशकों को ललचाने के लिए फंड हाउस घटा रहे हैं खर्च का अनुपात
मुंबई- म्यूचुअल फंड हाउस की नजर ऐसे अमीर निवेशकों पर है जो निवेश पर मिलने वाले रिटर्न पर ज्यादा टैक्स देने से बचना चाहते हैं। साथ ही ऐसे नए और फस्ट टाइम निवेशक हैं, जो ज्यादा उतार चढ़ाव के बीच अपने पैसे की सुरक्षा चाहते हैं। ऐसे निवेशकों को लुभाने के लिए फंड हाउस एक्सपेंस रेश्यो (खर्च अनुपात) घटा रहे हैं। इसके साथ ही इक्विटी सेविंग्स फंड्स के इक्विटी एलोकेशन को भी घटा रहे हैं। यह एक ऐसी कैटिगरी है जो इक्विटी, आर्बिट्राज और फिक्स्ड इनकम के मिक्स में निवेश करती है।
मान लीजिए कि आप एक निवेशक हैं। आपने म्यूचुअल फंड की किसी स्कीम में निवेश किया है। अगर आपको इस स्कीम में 10 पर्सेंट का रिटर्न मिलता है और इस पर एक्सपेंस रेश्यो 2 पर्सेंट है तो इसका मतलब है कि आपको रिटर्न सिर्फ 8 पर्सेंट ही मिलेगा।
आदित्य बिड़ला सन लाइफ इक्विटी सेविंग्स फंड ने एक्सपेंस रेश्यो 2.08 पर्सेंट से घटाकर 1.04 पर्सेंट कर दिया है। फ्रैंकलिन इंडिया ने अपना एक्सपेंस 1.97 पर्सेंट से घटाकर 1.09 पर्सेंट कर दिया है। दरअसल, ऐसे अमीर निवेशक जो शॉर्ट टर्म के लिए पैसा लगाना चाहते हैं। उनकी चाहत ऐसे जगह निवेश करने की होती है जो सेविंग अकाउंट की तुलना में ज्यादा रिटर्न दे। साथ ही उन्हें इस कमाई पर टैक्स भी ज्यादा नहीं चुकाना पड़े।
फिक्स्ड इनकम प्रॉडक्ट्स से रिटर्न के मामले में निवेशकों को 30 पर्सेंट टैक्स देना होता है। एक साल से पहले बेचे गए इक्विटी फंडों के मामले में रिटर्न पर टैक्स 15% है। एक वर्ष के बाद बेचे जाने पर यह केवल 10% है। पिछले एक साल में इक्विटी सेविंग्स फंड कैटेगरी ने 7.9 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। अगर तीन साल की अवधि की बात करें तो इसने 10.37 पर्सेंट का रिटर्न दिया है।
वितरकों का मानना है कि फंड हाउस भी निवेशकों के समूह को आकर्षित करने के लिए अपने एक्सपेंस रेश्यो को कम करने के साथ ही इक्विटी में असेट एलोकेशन को कम करने के लिए मजबूर हैं। एक फँड हाउस के अधिकारी के मुताबिक, फिक्स्ड इनकम टैक्सेशन में बदलाव के बाद हमने इक्विटी सेविंग्स फंड्स को एक वैकल्पिक फिक्स्ड इनकम प्रॉडक्ट के तौर पर रखा है। इसमें इक्विटी में 10 पर्सेंट एक्सपोजर होगा और बाकी इक्विटी आर्बिट्राज और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स के बीच होगा। हम खर्च को उस स्तर पर रखना चाहते थे जो निवेशकों के लिए उचित हो।
आदित्य बिड़ला सन लाइफ इक्विटी सेविंग्स फंड का इक्विटी में 10% और फ्रैंकलिन इंडिया का 15% आवंटन होगा, जिसमें आर्बिट्राज और फिक्स्ड इनकम में बाकी राशि होगी। फ्रैंकलिन टेम्पलटन इंडिया की प्रमुख (उत्पाद) ज्योति कृष्णन का कहना है कि इससे इक्विटी एक्सपोजर और संबंधित उतार-चढ़ाव से जुड़े जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। इस बदलाव को देखते हुए खर्च में कमी की गई है।