एडलवाइस म्यूचुअल फंड के पैसिव सेगमेंट एयूएम में योगदान 69 पर्सेंट घटा 

मुंबई- अप्रैल में डेट फंडों के लिए कर ढांचे में बदलाव से एडलवाइस ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के लिए झटका लगने की आशंका बनी हुई थी, क्योंकि कंपनी की वित्त वर्ष 2023 के अंत तक डेट क्षेत्र, खासकर पैसिव सेगमेंट में मजबूत मौजूदगी थी। पैसिव डेट योजनाओं का उसकी एयूएम में 69 प्रतिशत योगदान रहा।  

हालांकि एडलवाइस म्युचुअल फंड की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी राधिका गुप्ता ने एक समाचार पत्र से कहा कि कर बदलाव का फंड हाउस पर कुछ सकारात्मक असर भी पड़ा था। उनके मुताबिक, पैसिव डेट हमारी प्राथमिक पेशकश कभी नहीं थी, ऐसा सिर्फ माना गया था। हम हमेशा से संपूर्ण आकार वाला एसेट मैनेजर बनना चाहते हैं। यही वजह है कि हमने हाइब्रिड फंडों के लिए एक मजबूत टीम बनाई और ऐसा करने वाले हम पहले एएमसी थे।  

इस फंड ने हमारी इच्छाओं के मुकाबले तेजी से अपना दायरा बढ़ाया और इसका एयूएम कुछ ही वर्षों में बढ़कर (31 जुलाई, 2023 तक) करीब 60,000 करोड़ रुपये हो गया। फंड की शानदार लोकप्रियता की वजह से हमें पैसिव डेट एएमसी के तौर पर पहचान मिली, भले ही हमारी अन्य श्रेणियों पर प्रभाव पड़ रहा था। कुछ मायनों में, टैक्सेशन में बदलाव हमारे लिए अच्छा साबित हुआ है। लोग अब अन्य इक्विटी और हाइब्रिड योजनाओं में भी हमारे प्रदर्शन पर ध्यान दे रहे हैं। 

उनके मुताबिक, हम म्युचुअल फंडों में ऋण जोखिम लेने के पक्ष में नहीं हैं। साथ ही, विनियमन का तरीका और डेट फंड ढांचा हाल के वर्षों में बदला है, जिससे अब ज्यादा बदलाव की गुंजाइश नहीं है। इन योजनाओं से कई चुनौतियां भी जुड़ी हुई हैं। डेट में ज्यादातर निवेशक बैंक सावधि जमा के साथ आते हैं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *