सब्जियों की कीमतें घटते ही महंगाई पर होगा असर, आरबीआई ने किया दावा
मुंबई- भारत में खुदरा महंगाई दर घटकर केंद्रीय बैंक के 4 फीसदी (2 फीसदी घटबढ़ के साथ) में लौट आने की जल्द संभावना है। भारत की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के एक सदस्य के अनुसार, सब्जियों की कीमतों में जैसे ही नरमी आएगी वैसे ही महंगाई दर गिरने लगेगी। MPC सदस्य ने रॉयटर्स से कहा कि हाल में तेज रफ्तार से बढ़ी खुदरा महंगाई तेजी से कम होगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) समिति की बाहरी सदस्य आशिमा गोयल ने गुरुवार को रॉयटर्स के साथ एक इंटरव्यू में कहा, टमाटर जैसी चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी काफी तेजी रही है, लेकिन आम तौर पर एक झटके (कीमतों में बढ़ोतरी) के बाद सब्जियों में मौसमी नरमी होती है और दाम गिरते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि सब्जियों की कीमतें कम होने के बाद महंगाई दर हमारे कम्फर्ट बैंड से बाहर ही रहेगी।’ सब्जियों की बढ़ती कीमतों से खाद्य महंगाई दर पहुंची उच्चतम स्तर पर सब्जियों की कीमतों की बात करें तो, भारत में खाद्य मुद्रास्फीति जुलाई में 3 साल के उच्चतम स्तर 11.5 प्रतिशत पर पहुंच गई और इसकी वजह से खुदरा मुद्रास्फीति RBI के संतुलित दर से ऊपर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई।
अनाज, दालों और मसालों की कीमत भी बढ़ गई है, जिससे सरकार को पर्याप्त सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए निर्यात पर प्रतिबंध जैसे कई कदम उठाने पड़े थे। गोयल ने कहा कि यूक्रेन युद्ध के बाद से अनाज की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। ‘हमें वास्तव में बढ़ती कीमत के कायम रहने की उम्मीद नहीं है क्योंकि सरकार के पास स्टॉक, व्यापार आदि के माध्यम से सप्लाई पूरी करने का बहुत सारा उपाय है।’
उन्होंने कहा कि ईंधन की कीमतें कम करने जैसे कदम सीधे सरकारी फाइनैंस से ज्यादा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को प्रभावित करेंगे और ये कदम घरेलू मुद्रास्फीति की उम्मीदों को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।