ब्राइटकॉम के शेयरों में कारोबार पर सेबी रोक, शंकर शर्मा सहित कई लोग फंसे
मुंबई- ब्राइटकॉम ग्रुप के शेयर कल पांच परसेंट की लोअर लिमिट में फंस गए। कंपनी का शेयर 17 दिसंबर 2021 को 117.66 रुपये के भाव पर था लेकिन आज इसकी कीमत 22.98 रुपये रह गई। मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में कंपनी के शेयरों की बिक्री पर रोक लगा दी थी।
इस आदेश के बाद से दिग्गज इन्वेस्टर शंकर शर्मा समेत 23 लोग कंपनी के शेयर नहीं बेच पाएंगे। सेबी ने ब्राइटकॉम ग्रुप के प्रीफरेंशियल शेयरों की जांच के बाद यह अंतरिम आदेश पास किया था। साथ ही सेबी ने कंपनी के दो बड़े अधिकारियों को किसी भी कंपनी में डायरेक्टर का पद लेने पर रोक लगा दी है।
इनमें कंपनी की सीईओ एम सुरेश कुमार रेड्डी और चीफ फाइनेंशियर ऑफिसर नारायण राजू शामिल हैं। सेबी ने कहा है कि अगले आदेश तक ये दोनों किसी भी लिस्टेड कंपनी या उनकी किसी यूनिट में डायरेक्टर का पद नहीं ले सकते हैं। सेबी ने ब्राइटकॉम ग्रुप के प्रीफरेंशियल शेयरों की आवंटन के जांच के बाद यह अंतरिम आदेश दिया है।
जांच में यह बात सामने आई है कि ब्राइटकॉम के प्रीफरेंशियल शेयरों के आवंटन में गड़बड़ी की है। साथ ही यह भी पता चला है कि ब्राइटकॉम ग्रुप के रकम को ठिकाने लगाने के लिए आवंटित शेयर एप्लीकेशन मनी के फर्जी रसीद लिए थे।
सेबी के मुताबिक शंकर शर्मा को प्रीफरेंशियल एलॉटमेंट के रूप में 37.77 रुपये प्रति वारंट के हिसाब से 1.5 करोड़ वारंट जारी किए गए थे। यानी उन्हें कुल 56 करोड़ रुपये का पेमेंट किया जाना था लेकिन उन्हें सिर्फ 40 करोड़ रुपये का पेमेंट किया गया। यानी इस ट्रांजैक्शन में 16.67 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का पता चला है। सेबी को शंकर शर्मा की तरफ से किए गए 40 करोड़ रुपये के पेमेंट का भी कोई सबूत नहीं मिला है।
शर्मा ने ट्वीट किया, ‘हमने आज सारा डेटा सेबी को सौंप दिया है। 37.7 रुपये के हिसाब से 1.5 करोड़ शेयर खरीदे गए और कुल रकम 56.65 करोड़ रुपये बनती है। बैंक रिंकशिलेशन डेटा कंपनी के पास पेंडिंग था जिससे देरी हुई। हमें उम्मीद है कि जल्दी ही यह मामला सुलझ जाएगा।’