आदिपुरुष फिल्म से भी कम बजट 615 करोड़ में चंद्रयान पर पहुंचा भारत 

मुंबई- चंदा मामा अब दूर के नहीं रहे। भारत चांद पर पहुंच चुका है। चंद्रयान-3 की बुधवार को चंद्रमा के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग हो गई। तय प्रक्रिया के अनुसार ही चंद्रयान-3 की यह लैंडिंग हुई है। इस तरह भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इससे पहले रूस के लूना-25 ने चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की थी, लेकिन वह सफल नहीं रहा। चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग से इससे जुड़ी कंपनियों के शेयरों में आने वाले दिनों में तेजी देखने को मिल सकती है। 

भारत बेहद कम कीमत वाले अंतरिक्ष मिशनों के लिए जाना जाता है। चंद्रयान-3 पहले के मून मिशनों की तुलना में काफी अधिक कॉस्ट इफेक्टिव है। भारत का मून मिशन इतना ज्यादा कॉस्ट इफेक्टिव है कि इससे कई साइंस फिक्शन फिल्मों का बजट इससे अधिक है। यही नहीं, चंद्रयान-3 का बजट कुछ बॉलीवुड फिल्मों के बजट से भी कम है। 

चंद्रयान-3 का बजट सिर्फ 615 करोड़ रुपये है। इसरो के पूर्व चेयरमैन के सिवन ने अनुमान लगाया कि अंतरिक्ष यान के लैंडर, रोवर और प्रोपल्शन मॉड्यूल की लागत लगभग 250 करोड़ रुपये होगी। वहीं, लॉन्च सर्विस पर अतिरिक्त 365 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह अनुमान महामारी आने से पहले लगाया गया था। इसलिए कुल खर्च थोड़ा अधिक भी हो सकता है। चंद्रयान 3 का बजट दुनिया के मून मिशनों में सबसे कम है।  

फिल्म आदिपुरुष का बजट भी इससे अधिक है। आदिपुरुष का बजट 700 करोड़ रुपये था। कई हॉलीवुड फिल्मों का बजट चंद्रयान-3 के बजट से अधिक है। हॉलीवुड साइंस फिक्शन मूवी इंटरस्टेलर का बजट 1300 करोड़ रुपये था। वहीं, अवतार का बजट करीब 1970 करोड़ रुपये था। दुनिया के लोग भी चकित हैं कि भारत ने इतने कम बजट में कैसे मून मिशन लॉन्च कर दिया 

चंद्रयान में उपकरण सप्लाई करने वाली प्रमुख कंपनी इंडस्ट्रियल गैस फर्म लिंडे इंडिया है, जिसके शेयर में इस हफ्ते 23 फीसदी से अधिक उछाल आया है। सेंटम इलेक्ट्रॉनिक्स, जिसने मिशन के लिए महत्वपूर्ण मॉड्यूल और सिस्टम की आपूर्ती की है, वह करीब 11 फीसदी बढ़ा है। जबकि सैटेलाइट कम्यूनिकेशन प्रोवाइडर अवांटेल के शेयर में 12 फीसदी से अधिक उछला है। 

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