बैंकों में घट रही तरलता, आने वाले दिनों में जमा पर मिल सकता है ज्यादा ब्याज 

मुंबई- आने वाले दिनों में बैंकों में डिपॉजिट रखने पर आपको और ज्यादा ब्याज मिलने के आसार है। सरकारी से लेकर निजी बैंक डिपॉजिट को आकर्षित करने के लिए एफडी से लेकर रेकरिंग डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं। वजह है बैंकों के सामने नगदी का संकट।  

दरअसल वित्त वर्ष 2023-24 में पहली बार बैंकों को नगदी की कमी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में नगदी की सप्लाई बढ़ाने के लिए बैंक डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला ले सकते हैं जिससे आम लोग ज्यादा से ज्यादा पैसा बैंकों में जमा करें। 

आरबीआई के डेटा के मुताबिक सोमवार 21 अगस्त, 2023 को बैंकों के सामने 23,644 करोड़ रुपये नगदी की कमी देखने को मिली थी। जिसके बाद बैंकों को आरबीआई मार्जिनल स्टैडिंग फैसिलिटी (MSF) से 89,813 करोड़ रुपये उधार लेना पड़ा जो एक दशक में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 28 जून, 2023 को बैंकों ने 71,050 करोड़ रुपये 6.75 फीसदी के दर पर आरबीआई मार्जिनल स्टैडिंग फैसिलिटी (MSF) से उधार लिया था जिससे नगदी की कमी को पूरा किया जा सके।  

10 अगस्त, 2023 को आरबीआई ने बैंकों से 19 मई से लेकर 28 जुलाई के बीच हासिल किए गए डिपॉजिट्स का 10 फीसदी इंक्रीमेंटल कैश रिजर्व रेश्यो (ICRR) के तौर पर रखने के आदेश जारी किए। 19 मई से 28 जुलाई की अवधि के दौरान 2000 रुपये के नोट्स डिपॉजिट किए जाने के चलते बैंकों में नगदी बढ़ गई थी जिसपर शिंकजा कसने के लिए आरबीआई ने ये आदेश जारी किया था। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस फैसले की जानकारी देते हुए तब कहा था कि अतिरिक्त नगदी से कीमतों में स्थिरता से लेकर वित्तीय स्थिरता को चुनौती मिल सकती है। 

आरबीआई के इस फैसले के बाद बैंकों के सामने एक लाख करोड़ रुपये की नगदी की कमी हो गई। ऐसे में नगदी बढ़ाने के लिए बैंकों को डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी करनी होगी। यानि ऐसे कस्टमर्स जो बैंकों के एफडी या आरडी में गाढ़ी कमाई डिपॉजिट करने की प्लानिंग कर रहे तो उन्हें ज्यादा ब्याज अपने डिपॉजिट्स पर मिल सकता है

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