श्रीराम मल्टी एसेट अलोकेशन फंड- लंबे समय के वित्तीय लक्ष्यों वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त

मुंबई- श्रीराम समूह की श्रीराम एसेट मैनेजमेंट कंपनी ने श्रीराम मल्टी एसेट एलोकेशन फंड लॉन्च किया है। इस नए फंड का लक्ष्य इक्विटी जैसी कई परिसंपत्तियों में निवेश के माध्यम से दीर्घकालिक महंगाई-समायोजित धन निर्माण करना है। यह स्कीम डेट, सोना-चांदी के ईटीएफ में निवेश करेगी। न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) 1 सितंबर 2023 को बंद हो जाएगा। 

निवेशक अपने वित्तीय और पारिवारिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लिक्विड या ओवरनाइट फंड से सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी), टॉप-अप या सिस्टमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के माध्यम से नियमित रूप से इस फंड में निवेश कर सकते हैं। एकमुश्त के लिए न्यूनतम निवेश राशि 5,000 है। जबकि एसआईपी के लिए यह 1,000 प्रति माह या 3,000 प्रति तिमाही है। इसमें कोई लॉक-इन अवधि शामिल नहीं है। 

फंड के कोष का 65% से 80% इक्विटी में निवेश किया जाएगा। इसमें श्रीराम एएमसी के स्वामित्व वाले एन्हांस्ड क्वांटामेंटल इन्वेस्टमेंट (ईक्यूआई) मॉडल के 30 से 40 स्टॉक शामिल हैं। मॉडल पोर्टफोलियो निर्माण के लिए वोल्यूम के साथ-साथ मौलिक इनपुट को एकीकृत करते हुए बेहतर फंड प्रदर्शन के लिए सही निवेश निर्णय लेने के लिए सांख्यिकीय डेटा पर निर्भर करता है। इक्विटी में 65% का न्यूनतम आवंटन इस फंड में निवेशकों को 10% के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर से लाभ उठाने की अनुमति देता है। 

यह फंड किसी भी क्रेडिट जोखिम से बचने के लिए उच्च रेटिंग (एएए) लघु से मध्यम अवधि के डेट में 10% से 25% धनराशि आवंटित करेगा। सरकार और सरकार समर्थित प्रतिभूतियों में, गोल्ड/सिल्वर ईटीएफ में 10% से 25%, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी) और इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट) में 10% तक के निवेश का विकल्प है। 

श्रीराम एसेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी और सीईओ कार्तिक एल जैन ने कहा, “पिछले पांच वर्षों के विश्लेषण से पता चलता है कि मल्टी एसेट एलोकेशन फंड की श्रेणी में इक्विटी जैसे रिटर्न के साथ कम अस्थिरता देखी गई है। इसलिए लक्ष्य नियोजन के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। सोने में निवेश से हमें विशेष रूप से संकट की अवधि के दौरान बाजार की अस्थिरता से बचाव मिलता है। 

म्यूचुअल फंड कारोबार को मजबूत करने के लिए, श्रीराम ग्रुप ने पिछले साल अमेरिका स्थित मिशन1 इन्वेस्टमेंट्स एलएलसी को अपने रणनीतिक साझेदार के रूप में लाया था। इसके साथ, श्रीराम एएमसी ने अपने उत्पाद पोर्टफोलियो में विविधता ला दी है और अपने ग्राहकों के लिए प्रासंगिक निवेश समाधान पेश किए हैं।   

यह नया फंड निवेशक को एक वित्तीय वर्ष में पूंजीगत लाभ के 1 लाख को पार करने पर 10% की दर से दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) (अतिरिक्त अधिभार और उपकर) का लाभ प्रदान करता है। यदि कोई निवेशक अपने परिसंपत्ति आवंटन को पुनर्संतुलित करने के लिए इक्विटी, ऋण, सोना अलग-अलग खरीदता/बेचता है, तो उसे प्रत्येक लेनदेन पर पूंजीगत लाभ कर का सामना करना पड़ सकता है। जब फंड मैनेजर स्कीम के भीतर लेनदेन करता है, तो स्कीम पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगता है। ये दो पहलू इस फंड को निवेशकों के लिए कर कुशल निवेश विकल्प बनाते हैं। 

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