5 लाख की प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी की परिपक्वता पर लगेगा टैक्स
मुंबई- अगर आपने एक अप्रैल, 2023 या उसके बाद जीवन बीमा पॉलिसी ली है तो परिपक्वता रकम पर टैक्स देना होगा। यह घोषणा बजट में हुई थी, लेकिन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके टैक्स की गणना का अब सर्कुलर जारी किया है। जिन पॉलिसियों का सालाना प्रीमियम पांच लाख रुपये से ज्यादा है, वे इसके दायरे में आएंगी। यूनिट लिंक्ड पॉलिसी इससे बाहर होंगी।
सीबीडीटी के मुताबिक, अगर एक से ज्यादा पॉलिसी है और सभी का सालाना प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उस पॉलिसी की परिपक्वता राशि पर टैक्स लगेगा। 31 मार्च, 2023 तक जिन्होंने पॉलिसी ली है वे नए नियम के दायरे में नहीं आएंगे। यदि बीमाधारक की पॉलिसी अवधि के दौरान मौत हो जाती है तो नॉमिनी को जो राशि (मृत्यु लाभ) मिलेगी वह भी टैक्स से बाहर होगी।
परिपक्वता राशि में से कुल चुकाए गए प्रीमियम को घटाने के बाद जो राशि बचेगी उस पर टैक्स लगेगा। इसकी गणना अन्य साधनों से होनेवाली आय के तहत की जाएगी। बीमाधारक को उस राशि पर टैक्स स्लैब के अनुसार कर चुकाना होगा।
आपने चुकाए गए प्रीमियम पर हर एक वित्त वर्ष में 80सी के तहत कटौती का फायदा लिया है तब कर की गणना बदल जाएगी। इसके तहत चुकाए गए कुल सालाना प्रीमियम में से प्रीमियम की उस राशि जिस पर आपने पॉलिसी अवधि के दौरान प्रति वर्ष 80 सी के तहत कटौती दावा किया है, उसको घटाने के बाद बची राशि को परिपक्वता रकम से घटाने के बाद जो रकम बचेगी उस पर टैक्स लगेगा।
अपने, पति/पत्नी और बच्चों की पॉलिसी के प्रीमियम के भुगतान पर 80 सी के तहत एक वित्त वर्ष में निवेश के अन्य विकल्पों सहित अधिकतम 1,50,000 रुपए तक डिडक्शन का फायदा मिलता है। कोई पॉलिसी 1 अप्रैल 2012 या उसके बाद जारी की गई है तो प्रीमियम की सालाना राशि सम एश्योर्ड के 10 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
एक अप्रैल 2003 से 31 मार्च 2012 तक के बीच जारी पॉलिसियों के लिए प्रीमियम की राशि सम एश्योर्ड राशि के 20 फीसदी तक हो सकती है। यानी 20 फीसदी तक की राशि पर कटौती का फायदा मिलेगा। 31 मार्च 2003 से पहले जारी की गई पॉलिसी का कितना भी प्रीमियम हो, कटौती का फायदा मिलता रहेगा।
सेक्शन 194डीए में हुए बदलाव के मुताबिक (सितंबर 2019 से प्रभावी) अगर परिपक्वता राशि (सम एश्योर्ड + बोनस) पर टैक्स में छूट नहीं मिलती है तो एक लाख रुपए से ज्यादा की परिपक्वता राशि पर बीमा कंपनी 5 फीसदी टीडीएस काट लेगी। 5 फीसदी टीडीएस पूरी परिपक्वता की राशि पर नहीं कटेगा, बल्कि परिपक्वता की रकम में से पूरा प्रीमियम घटाने के बाद बची हुई राशि पर लगेगा।