2031 तक सालाना 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था 

मुंबई- भारतीय अर्थव्यवस्था 2031 तक सालाना औसतन 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी। विनिर्माण और सेवाओं के निर्यात, ग्राहकों की मांग और निकट समय में चुनौतियों के बावजूद यह वृद्धि दर जारी रहेगी। एसएंडपी ने कहा, ब्याज दरों के बढ़ने और वैश्विक धीमापन का कोई बहुत असर अर्थव्यवस्था की तेजी पर नहीं दिखेगा। 

स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (एसएंडपी) ने कहा, चालू वित्त वर्ष में देश की विकास दर 6 प्रतिशत रह सकती है। यही नहीं, जी20 (20 देशों के समूह) में भी भारत की जीडीपी सबसे तेज बढ़ेगी। पिछले माह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने चालू वित्त वर्ष के लिए विकास दर के अनुमान को 0.2 फीसदी बढ़कर 6.1 फीसदी कर दिया था। आरबीआई ने 6.5 फीसदी का अनुमान लगाया है 

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 2031 तक बढ़कर 6.7 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगा, जो वित्त वर्ष 2023 में 3.4 लाख करोड़ डॉलर है। इसका मतलब प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर करीब 3.75 लाख रुपये हो जाएगी। यदि ऐसा होता है तो भारत जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि विनिर्माण क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण की ओर बढ़ते वैश्विक रुझान से नए अवसर उभरने की उम्मीद है, क्योंकि सरकार ने निर्माताओं को प्रोत्साहन और बुनियादी ढांचे में सुधार की पेशकश की है। कर सुधारों से दक्षता लाभ, डिजिटल और भौतिक बुनियादी ढांचे के लिए राज्य समर्थन और सरकारी सब्सिडी हस्तांतरण से रिसाव को कम करने से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। 

एसएंडपी ने कहा, घरेलू आय और खाने पीने एवं अन्य सामग्रियों पर खर्च बढ़ने से ग्राहक बाजार 2031 तक दोगुना बढ़कर 5.2 लाख रकोडॉलर हो जाएगा जो 2022 में 2.3 लाख करोड़ डॉलर था। दुनिया परिवर्तन और अनिश्चितता के एक अभूतपूर्व दौर के बीच में है। भारत के पास इस क्षण को भुनाने का एक निर्णायक अवसर है। 

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