उत्तर प्रदेश में 52 लाख ने भरा पहली बार आईटीआर, महाराष्ट्र पहले स्थान पर 

मुंबई- उत्तर प्रदेश में चालू आकलन वर्ष (वित्त वर्ष 2022-23) में 2015 के मुकाबले 52 लाख ने पहली बार आयकर रिटर्न फाइल किया है। नए करदाताओं के मामले में यूपी दूसरे स्थान पर जबकि 64 लाख के साथ महाराष्ट्र पहले स्थान पर है। 42 लाख के साथ गुजरात तीसरे और 34 लाख करदाताओं के साथ राजस्थान चौथे नंबर पर है। 

एसबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, नए करदाताओं के मामले में 25 लाख के साथ पंजाब सातवें 20 लाख के साथ हरियाणा 11वें और 18 लाख के साथ दिल्ली 13वें स्थान पर है। उत्तराखंड में 6 लाख लोगों ने पहली बार आईटीआर फाइल किया है। जम्मू एवं कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में 4-4 लाख नए करदाता जुड़े हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार, आकलन वर्ष 2023-24 में कुल करदाताओं की संख्या 8.5 करोड़ हो सकती है। हालांकि अंतिम तिथि यानी 31 जुलाई तक 6.8 करोड़ ने टैक्स भरा था। दरअसल, हर साल करोड़ों की संख्या में लोग देरी से भी आईटीआर फाइल करते हैं। इसलिए अनुमान है कि यह संख्या 8.5 करोड़ हो सकती है। इसमें से 37 फीसदी संख्या औपचारिक रोजगार की है। 

रिपोर्ट के अनुसार, आकलन वर्ष 2022-23 में शीर्ष पांच राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और पश्चिम बंगाल रहे हैं। इन राज्यों की हिस्सेदारी कुल आईटीआर में 48 फीसदी रही है। हालांकि, फीसदी के रूप में सबसे अधिक बढ़त पिछले 9 सालों में मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड में हुई है जो 20 प्रतिशत से अधिक रही है। आकलन वर्ष 2015 की तुलना में 2023 में 4.81 करोड़ ज्यादा आईटीआर भरे गए हैं। 2020 की तुलना में 2023 में इसमें एक करोड़ से ज्यादा करदाता बढ़े हैं। 

रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यम वर्ग का आकार बढ़ने से देश की प्रति व्यक्ति आय वित्त वर्ष 2047 तक 14.9 लाख रुपये होने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2023 में यह 2 लाख रुपये थी। देश के 25% करदाता 2047 तक सबसे निचली आय समूह से उठकर मध्यम और ऊपरी आय वर्ग में आ जाएंगे। वित्त वर्ष 2047 में आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 48.2 करोड़ होने की उम्मीद है। साथ ही कामगारों की संख्या भी मौजूदा 53 करोड़ से बढ़कर 72.5 करोड़ होने की उम्मीद है। 

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