चौथे माह भी थोक महंगाई शून्य से 1.36 प्रतिशत नीचे, जून की तुलना में बढ़ी 

मुंबई- खाद्य पदार्थों खासकर सब्जियों के दाम बढ़ने के बीच थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई जुलाई में (-)1.36 प्रतिशत रही। थोक महंगाई अप्रैल से लगातार चौथे महीने शून्य से नीचे रही है। पिछले साल जुलाई में यह 14.07 प्रतिशत थी। इस साल जून में यह (-) 4.12 प्रतिशत थी जिसकी तुलना में इसमें 2.76 फीसदी की वृद्धि हुई है। 

वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय ने सोमवार को कहा, जुलाई में महंगाई दर में कमी मुख्य रूप से खनिज तेल, बुनियादी धातुओं, रसायन व रसायन उत्पादों, कपड़ा और खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट के कारण आई। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खाद्य पदार्थों की महंगाई 14.25 प्रतिशत रही। जून में 1.32 प्रतिशत थी।  

हालांकि, जून की तुलना में इसमें वृद्धि इसलिए आई है, क्योंकि खाद्य पदार्थों में सब्जियों के भाव में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली। जुलाई महीने में सब्जियों की थोक महंगाई दर 62.12 फीसदी पर रही। जुलाई 2022 में ये आंकड़ा 18.46 फीसदी पर रहा था। 

ईंधन और बिजली की महंगाई जुलाई में (-)12.79 प्रतिशत रही, जो जून में (-)12.63 प्रतिशत थी। विनिर्मित उत्पादों की महंगाई मई में (-)2.51 प्रतिशत रही। जून में यह (-) 2.71 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बढ़ती महंगाई को काबू में रखने के साथ अर्थव्यवस्था को गति देने के मकसद से लगातार तीसरी बार रेपो दर को जस का तस 6.5 प्रतिशत पर पिछले सप्ताह बरकरार रखा था। 

आरबीआई ने खाद्य वस्तुओं के दाम के कारण उत्पन्न दबाव का हवाला देते हुए चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए महंगाई का अनुमान 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया है। जुलाई-सितंबर तिमाही में महंगाई दर 6.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पहले के 5.2 प्रतिशत के अनुमान से ज्यादा है। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था, महंगाई को लेकर अभी काम खत्म नहीं हुआ है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य वस्तुओं, ऊर्जा के दाम में उतार-चढ़ाव तथा देशों के बीच तनाव बने रहने व मौसम संबंधित अनिश्चितताओं के कारण महंगाई का जोखिम बना हुआ है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *