टमाटर की कीमतों ने लगाई आग, शाकाहारी थाली एक माह में 28 पर्सेंट महंगी 

मुंबई-टमाटर की कीमतों में लगी आग ने जायका के साथ-साथ रसोई का बजट भी पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। टमाटर की ‘लाली’ से एक महीने में वेज थाली 28 फीसदी महंगी हो गई है। क्रिसिल द्वारा सोमवार को जारी फूड प्लेट कॉस्ट के मासिक इंडिकेटर के अनुसार, भारत में वेज थाली की कीमत जून की तुलना में जुलाई में 28 फीसदी बढ़ गई। इसका 25 फीसदी कारण टमाटर की महंगाई को माना जा सकता है।  

आंकड़ों के मुताबिक, जून में 33 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर जुलाई में टमाटर की कीमत 233 फीसदी बढ़कर 110 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। यह लगातार तीसरी बार है, जब वेज थाली की कीमतें क्रमिक रूप (मासिक आधार पर) से बढ़ी हैं। 2023-24 में, यह पहली बार है कि वेज थाली की कीमत सालाना आधार पर बढ़ी है। नॉनवेज थाली की कीमत भी बढ़ी है। मासिक आधार पर नॉन वेज थाली 11 फीसदी महंगी हुई है। 

क्रिसिल उत्तर, दक्षिण, पूर्व और पश्चिम भारत में प्रचलित इनपुट कीमतों के आधार पर घर पर थाली तैयार करने की औसत लागत की गणना करता है। मासिक बदलाव से आम आदमी के खर्च पर असर दिखता है। डेटा से अनाज, दालें, ब्रॉयलर, सब्जियां, मसाले, खाद्य तेल और रसोई गैस सहित उन सामग्रियों का भी पता चलता है, जो थाली की कीमत में बदलाव लाते हैं। 

नॉन वेज थाली की कीमत बढ़ी है, मगर उसकी रफ्तार धीमी है। क्योंकि जुलाई में ब्रॉयलर की कीमत में 3-5 फीसदी की गिरावट आने की संभावना है। नॉन वेज थाली में ब्रॉयलर की लागत लगभग 50 फीसदी तक होती है। आमतौर पर एक वेज थाली में दाल, रोटी, सब्जी (प्याज, टमाटर और आलू) दही और सलाद शामिल होता है। रिपोर्ट में नॉन वेज थाली में दाल की जगह पर चिकन को रखा गया है। 

क्रिसिल ने अपने मासिक इंडिकेटर में कहा, ‘प्याज और आलू की कीमतों में मासिक आधार पर क्रमशः 16 प्रतिशत और 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे लागत में और वृद्धि हुई। रिपोर्ट बताती है कि मिर्च और जीरा के दाम भी बढ़े है। जुलाई में मिर्च 69 फीसदी और जीरा 16 फीसदी महंगा हुआ है। क्रिसिल ने कहा, ‘हालांकि, थाली में इस्तेमाल होने वाली इन सामग्रियों की कम मात्रा को देखते हुए, उनकी लागत में योगदान सब्जियों की तुलना में कम रहता है।’ 

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