इन शेयरों में विदेशी निवेशकों ने बढ़ाया हिस्सा, एक साल में छह गुना मिला फायदा
मुंबई- आंकड़ों से पता चलता है कि जून को समाप्त तिमाही में, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 38 शेयरों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई, जिन्होंने 2023 में मल्टीबैगर रिटर्न दिया है। इन कंपनियों का मार्केट कैप 500 करोड़ रुपये से कम है। पर फायदा देने में ये बड़ों -बड़ों को पीछे छोड़ दिए हैं।
विदेशी निवेशकों ने जून तिमाही में कुल 668 कंपनियों में हिस्सा बढ़ाया है जबकि 541 कंपनियों में हिस्सा घटा दिया है। जिन शेयरों में इन्होंने हिस्सेदारी बढ़ाई है उनमें जेन टेक में 1.3 फीसदी से बढ़ाकर 3.5 फीसदी कर दिया है। इस शेयर ने इस साल में सौ रुपये के निवेश को 227 रुपये बना दिया है। जिंदल सा में हिस्सेदारी बढ़ाकर तीन फीसदी के करीब की गई है। इस शेयर ने इस साल में सौ रुपये के निवेश को 219 रुपये कर दिया है।
इसी तरह टीटागढ़ वैगन में विदेशी निवेशकों ने मार्च में 6.1 फीसदी हिस्सा को बढ़ाकर जून में 12.6 फीसदी कर दिया है। इसमें कुल जबकि 92 विदेशी निवेशक हैं। जनवरी से लेकर अब तक इस शेयर ने 189 पर्सेंट का फायदा दिया है। न्यूजेन टेक में भी इन निवेशकों ने हिस्सा बढ़ाकर 15.3 फीसदी कर दिया है। इस शेयर ने 127 पर्सेंट का रिटर्न दिया है। जेंसार टेक में इन निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 12.6 पर्सेंट हो गई है। इसमें कुल 195 विदेशी निवेशक हैं। इस शेयर ने 125 पर्सेंट का मुनाफा दिया है।
रामकृष्णा फोर्जिंग के शेयर में इनकी हिस्सेदारी मार्च से 14.8 फीसदी से बढ़कर 16.3 पर्सेंट हो गई है। जबकि स्टॉक का रिटर्न 112 फीसदी रहा है। लिस्टिंग और आईपीओ में सब्सक्रिप्शन में तहलका मचाने वाले मिसेज बैक्टर्स फूड में इन निवेशकों की हिस्सेदारी बढ़कर 7.6 पर्सेंट हो गई है। इस शेयर ने 109 पर्सेंट का फायदा निवेशकों को दिया है।
इसी तरह से चेन्नई पेट्रोलियम का भी शेयर जनवरी से अब तक सौ रुपये के निवेश को दो सौ रुपये कर दिया है। इसमें भी विदेशी निवेशकों ने हिस्सा बढ़ाकर 8.5 पर्सेंट कर दिया है। हालांकि, जिन शेयरों में इन निवेशकों ने हिस्सा घटाया है, उन्होंने घाटा दिया है। उदाहरण के तौर पर ब्राइटकाम में इनकी हिस्सेदारी घट कर 8.87% हो गई है। जबकि जनवरी से लेकर अब तक इसने 48% का घाटा दिया है।
इसी तरह गो फैशन में भी विदेशी निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी 16.57% से घटाकर 11.02% कर दिया है। इस शेयर ने दो फीसदी का घाटा दिया है। क्रांप्टन ग्रीव्ज में भी कुछ ऐसा ही है। इसमें मार्च में विदेशी निवेशकों की 39.63% हिस्सेदारी थी जो अब 34.9% रह गई है। तब कुल 399 निवेशक थे जो अब 379 रह गए हैँ। शेयर ने जनवरी से लेकर अब तक 13% का घाटा दिया है।