बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के साथ विकसित राष्ट्र की ओर भारत
मुंबई- भारत अपने बुनियादी ढांचे को तेजी से आधुनिक रूप देने के साथ विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है। अब हम खुद को एक विकसित देश में बदल रहे हैं। हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी और हम एक विकसित देश बनेंगे।
केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने शुक्रवार को कहा, भारत तेजी से बुनियादी ढांचे को आधुनिक रूप दे रहा है। यह इस बात से पता चलता है कि बजट में पूंजीगत खर्च के लिए आवंटन 2023-24 में 10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो 2014 के मुकाबले पांच गुना है। वर्ष 2014 से बिजली उत्पादन क्षमता में 1.90 लाख मेगावाट से अधिक का इजाफा हुआ और वर्तमान में कुल क्षमता 4.21 लाख मेगावाट से अधिक हो गयी है।
आज बिजली की स्थापित क्षमता इसकी अधिकतम मांग के मुकाबले लगभग दोगुनी है और इसका निर्यात पड़ोसी देशों को किया जा रहा है। हमने हर साल नवीकरणीय ऊर्जा की कुल क्षमता में 50,000 मेगावाट का इजाफा करने का लक्ष्य रखा है। 2030 तक देश कुल क्षमता में हरित ऊर्जा स्रोतों से पांच लाख मेगावाट बिजली हासिल करने के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
सिंह ने कहा, नौ साल (2014-23) के दौरान सौर क्षमता में 64,000 मेगावाट से अधिक की वृद्धि हुई है, जो 31 मार्च, 2014 में स्थापित क्षमता का 23 गुना है। वित्त वर्ष 2013-14 में कुल राष्ट्रीय राजमार्ग 91,287 किलोमीटर था, जो मार्च, 2023 में 59 प्रतिशत बढ़कर 1,45,240 किलोमीटर हो गया है। इसी प्रकार एक्सप्रेसवे 2014 में केवल 353 किलोमीटर था जो अब 3,106 किलोमीटर हो गया। 9,000 किलोमीटर एक्सप्रेसवे क्रियान्वयन के विभिन्न चरण में हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2030 तक 10 लाख करोड़ डॉलर की होगी। इसमें किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार लगातार विकास पर जोर दे रही है। विकसित देश जहां 0.9 से लेकर एक फीसदी की विकास दर हासिल कर रहे हैं, वहीं भारत 6.1 से 6.5 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। ऐसे में 2025 या 2026 तक हमारी जीडीपी 5 लाख करोड़ डॉलर की होगी।