एचपी, एपल व सेमसंग ने भारत में लैपटॉप और टैबलेट का आयात किया बंद
मुंबई- लैपटॉप और टैबलेट आयात करने के लिए कंपनियों को 48 से 72 घंटे के भीतर लाइसेंस मिलेगा। सरकारी सूत्रों ने कहा, साथ ही सरकार लैपटॉप और अन्य उपकरणों के आयात लाइसेंस के आवेदन करने के लिए कंपनियों को अधिक समय दे सकती है। इससे आयात प्रतिबंधों की निर्धारित समय सीमा बढ़ जाएगी। लाइसेंस ऑनलाइन प्राप्त किए जा सकते हैं। व्यापार महानिदेशालय एक पोर्टल तैयार कर रहा है और इस पर अधिसूचना जारी कर सकता है।
उधर, दुनिया तीन बड़ी कंपनियों एपल, सेमसंग और एचपी ने भारत में अपने लैपटॉप और टैबलेट मंगवाने पर रोक लगा दी है। आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने शुक्रवार को कहा, टैबलेट और लैपटॉप के आयात से संबंधित नए मानदंडों के लिए एक ट्रांजिशन पीरियड (संक्रमण अवधि) होगा। इस सिलसिले में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। आईटी उद्योग ने 3-6 महीने का समय मांगा है।
चंद्रशेखर ने कहा, विश्वसनीय हार्डवेयर और सिस्टम सुनिश्चित करना सरकार का उद्देश्य है। हमें आयात पर निर्भरता कम करना है। नया नियम यह सुनिश्चित करेगा कि हमारा तकनीकी इको-सिस्टम केवल उन आयातित सिस्टम का उपयोग करता है जो विश्वसनीय और सत्यापित सिस्टम हैं। लाइसेंसिंग अनुरोधों के लिए कंपनियों को खेप, सामानों की संख्या और पिछले आयात की जानकारी देनी होगी।
चंद्रशेखर ने कहा, लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर के आयात के लिए लाइसेंस की जरूरत लागू करने के भारत के फैसले से घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। देश में मौजूदा नियम कंपनियों को स्वतंत्र रूप से लैपटॉप आयात करने की मंजूरी देते हैं, लेकिन नए नियम में इन उत्पादों के लिए एक विशेष लाइसेंस की जरूरत होगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि आयात प्रतिबंध से चीन के साथ भारत के व्यापार घाटे को पाटने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर (पीसी) के आयात के लिए लाइसेंस जरूरी करने का कदम इन विदेशी उपकरणों में सुरक्षा संबंधी खामियों से लैस आईटी हार्डवेयर से सुरक्षित रखने के इरादे से उठाया है। हार्डवेयर के बैकडोर और आईटी हार्डवेयर में सुरक्षा के लिए खतरनाक मालवेयर जैसी सुरक्षा खामियों वाले लैपटॉप एवं टैबलेट का इस्तेमाल करना उपयोगकर्ताओं की संवेदनशील निजी एवं कारोबारी जानकारी को खतरे में डाल सकता है। ऑनलाइन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपकरणों का सुरक्षित होना बुनियादी जरूरत है।
भारत में दिवाली का सीजन आने वाला है। स्कूल या कॉलेज जाने वाले छात्रों की संख्या भी बढ़ने वाली है। ऐसे में लैपटॉप, टैबलेट की मांग देश में तेजी से बढ़ेगी। टेक कंपनियां अब भारत सरकार के साथ मिलकर इस बात पर काम कर रही हैं कि उन्हें जल्द से जल्द लाइसेंस मिल सके।
आईटी हार्डवेयर में पीएलआई 2.0 योजना में 31 जुलाई तक 44 कंपनियां पंजीकृत हैं। कंपनियां 30 अगस्त 2023 तक आवेदन जमा कर सकती हैं। भारत में लैपटॉप, पीसी और इसी तरह के उत्पादों पर मूल सीमा शुल्क शून्य है। भारत इस शुल्क को नहीं बढ़ा सकता क्योंकि उसने 1997 में एक सूचना प्रौद्योगिकी समझौते (आईटीए) पर हस्ताक्षर करके कंप्यूटर और कई आईटी-संबंधित उत्पादों पर शून्य शुल्क लगाने की प्रतिबद्धता जताई है।