चीन को बड़ा झटका, लैपटॉप, टैबलेट और सर्वर के आयात पर प्रतिबंध, फैसला लागू  

मुंबई- मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए बड़ा फैसला हुआ है। सरकार ने लैपटॉप, टैबलेट, ऑल-इन-वन पर्सनल कंप्यूटर, अल्ट्रा स्मॉल फॉर्म फैक्टर (यूएसएफएफ) कंप्यूटर और सर्वर के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध तुरंत लागू हो गया है। इन उत्पादों के प्रतिबंधित श्रेणी में होने से इनके आयात के लिए लाइसेंस या सरकार की अनुमति अब अनिवार्य होगी। इस फैसले से चीन को बड़ा झटका लगा है। 

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, इस कदम से चीन और कोरिया जैसे देशों से इन सामानों की आवक में कमी आएगी। इन प्रतिबंधों को लगाने के कई कारण हैं, लेकिन पहले यह सुनिश्चित करना है कि हमारे नागरिकों की सुरक्षा पूरी तरह से सुरक्षित रहे। देश में इंटरनेट की पहुंच बड़े पैमाने पर बढ़ रही है। ऐसे में नागरिकों को एक ऐसे वातावरण और पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत है, जहां वे उन उपकरणों के संपर्क में न आएं जिनसे सुरक्षा जोखिम हो सकता है। यह कदम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के अनुपालन में है। 

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने बृहस्पतिवार को अधिसूचना में कहा कि रिसर्च एवंं डेवलपमेंट, परीक्षण, बेंचमार्किंग-मूल्यांकन, मरम्मत-वापसी तथा उत्पाद विकास के उद्देश्य से प्रति खेप 20 वस्तुओं तक आयात लाइसेंस की छूट रहेगी। इस कदम का मकसद चीन जैसे देशों से आयात घटाना है। इसके लिए सरकार ने कई क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना भी लाई है। भारत रोजमर्रा के उपयोग और मोबाइल फोन, लैपटॉप, घटकों और आईसी जैसे औद्योगिक उत्पादों के लिए चीन पर गंभीर रूप से निर्भर है। 

अधिसूचना के अनुसार, सूक्ष्म कंप्यूटर, बड़े कंप्यूटर और कुछ डाटा प्रोसेसिंग मशीनों को भी आयात प्रतिबंध की श्रेणी में रखा गया है। लाइसेंस होने पर इन उत्पादों के आयात की अनुमति मिलेगी। हालांकि, ये प्रतिबंध बैगेज नियम के तहत लागू नहीं होंगे। ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिये खरीदे गए, डाक या कूरियर से मंगाए जाने वाले उत्पाद पर आयात लाइसेंस की अनिवार्यता की छूट रहेगी। ऐसे मामलों में लागू शुल्क का भुगतान कर आयात किया जा सकता है। 

इस कदम से चीन जैसे देशों से आयात में कटौती की उम्मीद है। साथ ही स्थानीय मैन्युफैक्चर्स और ऐसी विदेशी कंपनियों को फायदा होगा, जो देश में लगातार उत्पाद कर स्थानीय आपूर्ति को बढ़ावा दे रही हैं और दूसरे देशों को निर्यात कर रही हैं। अप्रैल-जून में लैपटॉप, टैबलेट और पर्सनल कंप्यूटर सहित इलेक्ट्रॉनिक्स आयात सालाना आधार पर 6.25% बढ़कर 19.7 अरब डॉलर रहा था। 

पीएलआई के जरिये भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला में एक पावरहाउस बनने की महत्वाकांक्षा रखा है। इसने 2026 तक 300 अरब डॉलर के वार्षिक उत्पादन का लक्ष्य रखा है। डेल, एसर, सेमसंग, एलजी, एप्पल, लेनोवो और एचपी भारतीय बाजार में लैपटॉप बेचने वाली कुछ प्रमुख कंपनियां हैं। ये एक बड़ा हिस्सा चीन जैसे देशों से आयात करती हैं। 

भारत ने आईटी हार्डवेयर विनिर्माण में बड़े निवेश को आकर्षित करने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपये की विनिर्माण पीएलआई के लिए आवेदन करने की समय सीमा बढ़ा दी है। इसमें लैपटॉप, टैबलेट, पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर जैसे उत्पाद शामिल हैं। 

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