शेयर में इन चीजों को देख लिया तो फायदा कमाने की गारंटी, यह है नियम
मुंबई- शेयर मार्केट का हर निवेशक चाहता है कि उसे कोई ऐसा स्टॉक मिल जाए जो उसके पैसे को जल्द दोगुना कर दे। कई निवेशक मल्टीबैगर स्टॉक की तलाश में रहते हैं। ऐसे स्टॉक जो 3 से से 10 साल में कई गुना रिटर्न दें। कई निवेशक ऐसे छोटे शेयरों पर दांव लगाते रहते हैं जिनके 10 गुना बनने की उम्मीद होती है। ऐसा निवेश लंबे समय में एक लॉटरी की तरह होता है। शेयर मार्केट में कई ऐसे शेयर भी हैं, जिन्होंने अपने निवेशकों को 100 गुना रिटर्न दिया है।
दर्जनों ऐसी कंपनियां हैं, जो इस 100 गुना तक बढ़ गई हैं। इंफोसिस, टाइटन, एचडीएफसी बैंक, एशियन पेंट्स सहित कई ऐसे शेयर हैं, जिनमें निवेशकों की रकम 100 गुना हुई है। हालांकि, इसमें काफी लंबा वक्त लगता है। ऐसी कंपनी मल्टीबैगर रिटर्न दे सकती है, जो लगातार ग्रो कर रही हो। जिसके रेवेन्यू में वृद्धि हो रही हो। जिसकी कमाई बढ़ रही हो। जिसका मार्जिन बढ़ रहा हो। जिसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ रही हो।
ऐसी कंपनी की प्रति शेयर कमाई भी बढ़ना बहुत जरूरी है। यह आखिरी चीज इतनी महत्वपूर्ण इसलिए है, क्योंकि शेयर की कीमत लंबी अवधि में अर्निंग्स पर शेयर को फॉलो करती है। इसलिए किसी कंपनी का ईपीएस ऊपर जाता है, तो हमेशा उस कंपनी के शेयर की कीमत भी ऊपर जाती है। इस तरह आप एक मल्टीबैगर रिटर्न देने वाली कंपनी की पहचान कर सकते हैं।
ईपीएस के साथ ही एक चीज और बड़ी महत्वपूर्ण है। यह है प्राइस अर्निंग मल्टीपल या पीई रेश्यो। प्राइस अर्निंग मल्टीपल बढ़ता हुआ होना चाहिए। यह सिर्फ यही नहीं बताता है कि शेयर कितना महंगा है। अगर कोई किसी स्टॉक या किसी सेक्टर का लंबे समय से अध्ययन करता है, जो वह जान सकता है कि वह कंपनी या सेक्टर निवेशकों के लिए कितना वैल्यूबल है। पीई रेश्यो कई चीजों पर निर्भर करता है।
सबसे बड़ी बात, एक कंपनी की कमाई की क्षमता में वृद्धि होनी चाहिए। यह आमतौर पर तेजी से ग्रो कर रही या नई कंपनियों में देखा जाता है। उन कंपनियों और सेक्टर्स की तलाश करें, जिनके पीई मल्टीपल के ऊपर की ओर जाने की संभावना है। बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियों के लिए 100-गुना होना आसान होता है। किसी 2% बाजार हिस्सेदारी वाली कंपनी को अपनी बाजार हिस्सेदारी को दोगुना, तिगुना करना बहुत आसान होना चाहिए। उस कंपनी की तुलना में जो 30% बाजार हिस्सेदारी लिये बैठी है।
कंपनी के लो बेस के चलते यह आसान होता है। इसलिए उन कंपनियों पर अधिक फोकस करें जिनका एम-कैप 5,000 करोड़ से कम हो या 3000 करोड़ से भी कम हो। क्रिस्टोफर मेयर के एक रिसर्च में निष्कर्ष निकला कि एक कंपनी को 100 गुना कंपनी बनने में औसतन 26 साल लगते हैं। यानी आप भले ही जल्दी निवेश करना शुरू कर दें, फिर भी आप अपना पहला 100 गुना अपने 40 या 50 वें दशक में देख पाएंगे। इसलिए धैर्य बहुत महत्वपूर्ण है।
उदाहरण के लिए एपल को लेते हैं। मार्केट कैप के हिसाब से यह दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। लेकिन पिछले 20 वर्षों में एपल की सवारी एक रोलर कोस्टर रही है, जिसमें स्टॉक 40% की चार अलग-अलग गिरावटों से गुजरा है। नेटफ्लिक्स ने एक ही दिन में अपनी वैल्यू का 25% खो दिया था। केवल एक बार नहीं, बल्कि इतिहास में चार बार ऐसा हुआ है। निवेशको को एक सही शेयर का चुनाव करने के बाद लंबे समय तक स्थिर रहना चाहिए। यही धैर्य आपको 100 गुना रिटर्न दिलवा सकता है।
100 बैगर रिटर्न में हम कुछ वर्षों में 1 को 100 में बदलना चाहते हैं। इस सूत्र में r सालाना रिटर्न और t वर्ष को दर्शाता है। निवेशक इस सूत्र को कई तरीकों से यूज कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आपको 30 साल में अपने एक लाख रुपये को एक करोड़ रुपये बनाना है, तो आपको 16.6 फीसद के सालाना रिटर्न की जरूरत होगी। इसके साथ ही आप इस सूत्र से यह भी जान सकते हैं कि एक निश्चित रिटर्न पर अपनी रकम को 100 गुना करने में आपको कितना वक्त लगेगा।
जैसे अगर आपको 12 पर्सेंट रिटर्न मिल रहा है, तो आपके एक लाख रुपये 40.6 साल में एक करोड़ बन जाएंगे। इसी तरह 15 पर्सेंट के सालाना रिटर्न पर आपको अपने निवेश को 100 गुना करने में 33 साल लग जाएंगे। वहीं, आप 11 वर्षों में अपना पैसा 100 गुना करना चाहते हैं, तो आपको एक ऐसे निवेश की पहचान करनी होगी, जो इस अवधि के दौरान प्रत्येक वर्ष 50% तक रिटर्न दे।