ये हैं यूपी के आईपीएस, 13 साल में 21 तबादले, नेताओं की नहीं सुनते, कांवड़ियों पर कराया लाठीचार्ज
मुंबई- उत्तर प्रदेश के बरेली में आईपीएस प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर की चर्चा खूब हो रही है। कांवड़ियों पर लाठीचार्ज के महज तीन घंटे के भीतर प्रभाकर चौधरी का तबादला कर दिया गया। बरेली एसएसपी पद से उन्हें हटाकर 32वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ में ट्रांसफर कर दिया गया। रविवार रात करीब 10 बजे सरकार की ओर से प्रभाकर चौधरी का तबादला आदेश जारी होने को लेकर चर्चा का बाजार गरमाया हुआ है।
एसएसपी से सेनानायक बनाए जाने को लेकर भी चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है कि उनके कद को छोटा कर दिया गया है। प्रभाकर चौधरी की जगह सीतापुर के एसपी सुशील चंद्रभान धुले को बरेली का नया एसएसपी बनाया गया है। दरअसल, रविवार की शाम 7 बजे कांवड़ियों पर लाठीचार्ज का मामला सामने आया था। इसके बाद ट्रांसफर आदेश आ गया।
प्रभाकर चौधरी 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वे अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम पारस नाथ चौधरी है। प्रभाकर चौधरी ने अपने पहले ही प्रयास में सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफलता हासिल की। उन्हें आईपीएस के रूप में चुना गया। यूपी कैडर में उन्हें तैनाती दी गई। प्रभाकर चौधरी ने देवरिया, बिजनौर, बलिया, बुलंदशहर और कानपुर देहात में एसपी के पद पर काम किया है।
प्रभाकर चौधरी वाराणसी, मुरादाबाद, मेरठ और आगरा में एसएसपी का पदभार संभाल चुके हैं। बरेली के एसएसपी पद पर मार्च में उनका ट्रांसफर हुआ था। उन्होंने तब कहा था कि यह उनका 19वां जिले में तैनाती है। प्रभाकर चौधरी के ट्रांसफर को लेकर कई प्रकार की बातें कही जा रही हैं। बरेली में कांवड़ियों पर लाठीचार्ज को कुछ लोग कारण बता रहे हैं। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि एसएसपी का बयान कार्रवाई का कारण बना है।
दरअसल, लाठीचार्ज के बाद एसएसपी ने कहा था कि कांवड़ियों के बीच कुछ गलत लोग नशे में थे। उनके पास अवैध हथियार थे। एसएसपी के इसी बयान को लेकर मीडिया का एक वर्ग ट्रांसफर किए जाने की बात कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ के कानून व्यवस्था की बात को आधार बनाया जा रहा है। लोग कह रहे हैं कि जिस कप्तान ने बरेली में दंगे से बचाया, उसी पर एक्शन लिया जा रहा है।
प्रभाकर चौधरी को काम करने वाले अधिकारी के रूप में पहचान मिली हुई है। वह अपने अलग अंदाज के लिए जाने जाते हैं। उनका काम करने का स्टाइल भी बिल्कुल अलग है। ईमानदार छवि के कारण उन्हें अलग पहचान मिली हुई है। 15 जून 2021 को प्रभाकर चौधरी को मेरठ एसएसपी के पद पर तैनात किया गया था। इस दौरान वे दो दिनों की छुट्टी पर चले गए। 17 जून तक वे मेरठ को छानते रहे।
फिल्मी स्टाइल में उन्होंने पूरे शहर का जायजा लिया। पुलिसिया कमजोरियों को देखा। उसके आधार पर अपनी योजना बनाकर काम करने लगे। प्रभाकर चौधरी की सादगी के भी सभी कायल हैं। पुलिसिया महकमें अधिकारी उनके कानपुर देहात एसपी की तैनाती का किस्सा सुनाते हैं। देवरिया से ट्रांसफर के बाद उन्होंने सरकारी गाड़ी नहीं ली। बस पकड़ा और कानपुर देहात पहुंच गए। बस स्टैंड पर उतरे। टेंपो पकड़ा और एसपी आवास पर पहुंच गए। गार्डों ने पूछना शुरू कर दिया, कौन हैं, किनसे मिलना है? जवाब में अपना परिचय दिया तो गार्ड हैरान रह गए। पीठ पर बैग लादे, बिना सुरक्षा या गाड़ी के उन्हें देखकर हर कोई उन्हें हैरत भरी नजरों से देख रहा था।