50 करोड़ तक पहुंच जाएगा जनधन खाता, 55 फीसदी महिलाओं ने खोला है खाता 

मुंबई- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के हर एक नागरिक तक बैंकिंग सर्विस पहुंचाने का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) शुरू की गई। आगामी 15 अगस्त को इस योजना के 9 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इन 9 सालों में जन-धन अकाउंट की संख्या करीब 50 करोड़ तक पहुंचने वाली है। 

19 जुलाई तक, प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत कुल बैंक अकाउंट होल्डर्स की संख्या 49.56 करोड़ तक पहुंच गई है, जिनका कुल बकाया 2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है। इनमें से करीब 50 फीसदी लाभार्थी 275.6 करोड़ महिलाएं हैं, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों से हैं। 

इस योजना के दायरे में लगभग 5.5 करोड़ लोग हैं, कोविड-19 महामारी के बाद इस योजना में तेजी आई है। अप्रैल 2019 में लाभार्थियों की संख्या 35 करोड़ थी, जो अप्रैल 2021 में बढ़कर 42.2 करोड़ हो गई और अप्रैल 2022 में 45 करोड़ तक पहुंच गई। 

PMJDY, आधार बायोमेट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर और मोबाइल तथा डिजिटल पैठ ने वंचित समुदाय तक बैंकिंग सेवाओं की अंतिम-मील डिलीवरी प्रदान करने में महत्वपूर्ण प्रगति करने में मदद की है। महिला PMJDY अकाउंट होल्डर्स आज बैंकों की प्रमुख ग्राहक हैं। बैंक PMJDY अकाउंट होल्डर्स को आकर्षित करने और उनको फाइनैंशियल रूप से इंगेज करने के लिए पेंशन और माइक्रो-क्रेडिट जैसे फाइनैंशियल प्रोडक्ट ऑफर कर रहे हैं। 

इससे बैंकों को इन अकाउंट होल्डर्स की क्रेडिट हिस्ट्री बनाने में सहायता मिल रही है। इसके आलावा, छोटे मूल्य का ऋण क्रेडिट ग्राहकों के लिए नया है और बैंकों के लिए सोने की खदानों की तरह है, क्योंकि इस तरह के ग्राहकों की कई अधूरी जरूरतें हैं, जिन्हें बैंक पूरा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत 49.56 करोड़ लाभार्थियों में से 24.4 करोड़ अकाउंट सरकारी बैंकों में हैं, जबकि 7.92 करोड़ अकाउंट क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों में हैं। 

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