आईपीओ- महज 6 दिन में मिलता है निवेश पर बेहतर फायदा, लेकिन बरतें सावधानी
मुंबई- भारतीय शेयर बाजार में इस समय 5 हजार ज्यादा से कंपनियां सूचीबद्ध हैं। इसमें से करीब सारी कंपनियां आईपीओ लाकर सूचीबद्ध हुई हैं। आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान कुछ ऐसी कंपनियां रही हैं, जिनके आईपीओ को सैकड़ों गुना सब्सक्रिप्शन मिला है। सैकड़ों ऐसी कंपनियां रही हैं जिन्होंने कम पैसा जुटाया, पर इनके शेयरों ने निवेशकों को मालामाल किया है। लेकिन कुछ ऐसी भी रही हैं जिन्होंने निवेशकों के पैसे डुबाने में भी कामयाबी हासिल की है। पर विश्लेषक बताते हैं कि अगर आप सावधानी से और जांच परख कर अच्छे सेक्टर वाली कंपनियों के शेयरों में पैसे लगाते हैं तो आपको महज एक हफ्ते में ही अच्छा खासा फायदा हो सकता है। किसी भी कंपनी को आईपीओ लाने के बाद उसे 6 दिन के भीतर शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध कराना होता है।
आंकड़े बताते हैं कि जिन कंपनियों ने बहुत ज्यादा पैसा बाजार से जुटाया, उनके शेयरों ने निवेशकों को घाटा दिया है। उदाहरण के तौर पर अब तक का सबसे बड़ा प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने वाली एलआईसी के शेयर ने सूचीबद्धता के समय करीब 8 फीसदी का घाटा दिया था। इसने 21 हजार करोड़ से ज्यादा की रकम जुटाई थी। पेटीएम चलाने वाली वन97 कम्यूनिकेशन ने 18,300 करोड़ रुपये जुटाई थी। इसके शेयर ने सूचीबद्धता के समय 28 फीसदी का घाटा दिया। इन दोनों कंपनियों के शेयर कभी भी अपने आईपीओ के भाव पर नहीं पहुंच पाए हैं और आज भी ये निवेशकों को घाटा दे रहे हैं।
सबसे अधिक पूंजी जुटाने के मामले में रिलायंस पावर भी रही है। 2007 में बाजार की भारी तेजी में यह जनवरी, 2008 में आईपीओ लाई थी। उस समय सबसे बड़ा 11,563 करोड़ रुपये का इसका आईपीओ था। इसके शेयर ने सूचीबद्धता के समय 17 फीसदी का घाटा दिया था। इसके बाद पूरी दुनिया मंदी की चपेट में आ गई थी। 2010 में कोल इंडिया इश्यू लेकर आई। उस समय यह सबसे बड़ा इश्यू था जिसने 15,199 करोड़ रुपये जुटाए। हालांकि इसके शेयर ने 39 फीसदी का फायदा दिया था। जनरल इंश्योरेंस ने 2017 में 11,175 करोड़ रुपये जुटाई लेकिन इसके शेयर ने 5 फीसदी का घाटा दिया था।
निवेशकों की सहूलियत के लिए सेबी ने शेयरों को सूचीबद्ध करने की समय सीमा घटा दी है। अब आईपीओ के शेयर 6 दिन में सूचीबद्ध होते हैं। इसे आगे तीन दिन करने की योजना है। यह नियम इसी साल लागू होगा। सितंबर से इसे स्वैच्छिक और दिसंबर से अनिवार्य तरीके से लागू किया जाएगा। इसके पीछे यह उद्देश्य है कि निवेशकों को अगर शेयरों का आवंटन न हो तो उन्हें जल्दी पैसे वापस मिल जाएं, ताकि वे अगले आईपीओ में पैसे लगा सकें।
अगर सही कंपनी है और आपने उसके आईपीओ में पैसा लगाया है तो आपको केवल 6 दिन में अच्छा खासा फायदा मिलता है। दरअसल सभी कंपनियों के शेयरों को आईपीओ लाने के 6 दिन के अंदर सूचीबद्ध होता है। अगर आपको आवंटन मिल गया तो इन 6 दिनों में अच्छा लाभ होता है। हालांकि, ऐसा हर कंपनी के आईपीओ में नहीं होता है। पर जांच परख और सावधानी के साथ निवेश किया जाता है तो जरूर फायदा होने की उम्मीद होती है।
ट्रेडिंगो के संस्थापक पार्थ न्याति कहते हैं कि इस समय बाजार तेजी में हैं। इससे कंपनियों को पूंजी जुटाने में मदद मिल रही है। बाजार की तेजी कई वर्षों तक रहेगी और ऐसे में कंपनियां अच्छी खासी पूंजी भी जुटाएंगी। कुछ आईपीओ तुरंत लाभ देते हैं तो कुछ लंबे समय में देते हैं। ऐसे में यह हर निवेशक के निवेश के लिए अच्छा अवसर होता है।