भारतीय कंपनियां विदेशों में आसानी से करा सकेंगी सूचीबद्धता, जल्द आएंगे नियम 

मुंबई- भारतीय कंपनियां अब विदेशी शेयर बाजारों के साथ ही अहमदाबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) पर सीधे सूचीबद्ध हो सकेंगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, इससे कंपनियों को वैश्विक पूंजी तक पहुंच और बेहतर मूल्यांकन की सुविधा मिल सकेगी। इससे घरेलू कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों में शेयरों को सूचीबद्ध करके धन जुटाने में मदद मिलेगी। 

मुंबई में एक कार्यक्रम में सीतारमण ने कहा, हम निवेश आकर्षित करने के लिए न केवल अन्य उभरते बाजारों के साथ, बल्कि अग्रिम अर्थव्यवस्थाओं के साथ भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। हमें वित्तीय बाजार तक पहुंच आसान बनाकर और निवेशक शिकायत तंत्र को मजबूत करके वित्तीय संपत्तियों के लिए घरेलू बचत को बढ़ाने की जरूरत है। सरकार ने इस संबंध में कोविड राहत पैकेज के तहत घोषणा की थी, लेकिन नियमों को अभी अधिसूचित किया जाना है। इस संबंध में एक प्रस्ताव पहली बार मई 2020 में महामारी में पेश हुआ था। यह एक बड़ा कदम है। 

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारतीय कंपनियों की सीधे विदेश में सूचीबद्ध करने के नियम कुछ हफ्तों में अधिसूचित किए जाएंगे। शुरुआत में भारतीय कंपनियों को आईएफएससी पर सूचीबद्ध होने की अनुमति दी जाएगी। बाद में उन्हें सात या आठ देशों में इसकी अनुमति दी जाएगी। 

सेबी ने न्यूयॉर्क, नैस्डैक, लंदन और हांगकांग के साथ ही जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैंड और कनाडा के शेयर बाजार में देश कंपनियों को सूचीबद्ध होने का प्रस्ताव दिया था। यहां पर धनशोधन के लिए सख्त नियम हैं। 

सीतारमण ने कहा कि बाजार के नियम जोखिम के अनुपात में होने चाहिए। प्रस्तावित और मौजूदा नियम और गैर-नियामक विकल्पों के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों का गंभीर रूप से आकलन करने के लिए एक नियामक प्रभाव मूल्यांकन होना चाहिए। यह साक्ष्य पर आधारित नीति का एक महत्वपूर्ण भाग है। इससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ सकती है। 

सीतारमण ने कॉरपोरेट बॉन्ड बाजार को बढ़ावा देने के लिए कॉरपोरेट डेट मार्केट डेवलपमेंट फंड (सीडीएमडीएफ) को लॉन्च किया है। इससे डेट बाजार में दबाव के दौरान निर्धारित डेट फंडों के लिए बैकस्टॉप सुविधा का काम करेगा। डेट बाजार में संकट के दौरान इसका काम निवेश ग्रेड कॉरपोरेट डेट प्रतिभूतियों को खरीदना होगा। इससे कॉरपोरेट डेट बाजार में म्यूचुअल फंडों और निवेशकों का भरोसा बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही सेकेंडरी बाजार में कॉरपोरेट डेट प्रतिभूतियों में तरलता बढ़ेगी।  

सीतारमण ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था की मैक्रो-इकनॉमिक स्थिति के आकलन का बेहतर माध्यम है। भारत के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि हमारा वित्तीय बाजार, टेक्नोलॉजी और कारोबार के मूल्य ज़ुड़े पहलुओं के लिहाज से काफी बेहतर है। 10 साल पहले हमारे बाजार की पूंजी केवल 74 लाख करोड़ थी जो अब 300 लाख करोड़ है। 

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