आनंद महिंद्रा बैंकिंग सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में
मुंबई- दिग्गज कारोबारी आनंद महिंद्रा बैंकिंग सेक्टर में बड़ा दांव खेलने की तैयारी में हैं। उनके महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप ने प्राइवेट सेक्टर के आरबीएल बैंक में करीब 10 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा की है। इस बैंक में ग्रुप की पहले से ही 3.5 फीसदी हिस्सेदारी है जो उसने सेकंडरी मार्केट ट्रांजैक्शंस के जरिए खरीदी थी।
क्या आप जानते हैं कि आनंद महिंद्रा ने कोटक महिंद्रा बैंक के पहले एंजल इनवेस्टर थे? वह आज भी इसे अपना सबसे अच्छा निवेश मानते हैं। आज कोटक महिंद्रा बैंक में महिंद्रा ग्रुप की कोई हिस्सेदारी नहीं है लेकिन इसके बावजूद बैंक ने महिंद्रा का नाम बरकरार रखा है।
यह 1985 की बात है। उदय कोटक की शादी का रिसेप्शन था। इसमें आनंद महिंद्रा भी आए हुए थे। महिंद्रा ने तब ताजा-ताजा हावर्ड यूनिवर्सिटी के ग्रेजुएशन करके आए थे और कोटक को जानते थे। दोनों के एक कॉमन फ्रेंड ने बताया कि कोटक एक फाइनेंशियल कंपनी लॉन्च करना चाहते हैं। महिंद्रा ने उसमें निवेश का प्रस्ताव रखा।
कोटक ने सुझाव दिया कि इसमें दोनों के परिवारों का नाम रखा जाना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया में बड़ी फाइनेंशियल कंपनियों में उनके फाउंडर्स का नाम होता है। इस तरह जन्म हुआ कोटक महिंद्रा फाइनेंस का। इसके पहले एंजल इनवेस्टर आनंद महिंद्रा थे जिन्होंने तब एक लाख रुपये कंपनी में निवेश किए थे।
आज कोटक महिंद्रा बैंक देश का चौथा बड़ा प्राइवेट बैंक है। इसके सीईओ और एमडी उदय कोटक देश के सबसे अमीर बैंकर हैं। हाल ही में उन्होंने खुद को एक्टिव रोल से खुद को अलग करने के संकेत दिए थे। शेयरहोल्डर्स को भेजी एक चिट्ठी में उन्होंने लिखा था कि वह बैंक में नॉन-एग्जीक्यूटिव भूमिका निभाना चाहते हैं। उन्हें दिसंबर में इस पद पर 15 साल पूरे हो जाएंगे।
बैंक की स्थापना एनबीएफसी के रूप में हुई थी। तबसे उदय कोटक इस बैंक की अगुवाई कर रहे हैं। साल 2003 में कंपनी को कमर्शियल बैंक का लाइसेंस मिला था। कोटक का कहना है कि जिस इन्वेस्टर ने 1985 में बैंक में 10,000 रुपये का निवेश किया था आज उसकी वैल्यू 300 करोड़ रुपये हो गई। यानी आनंद महिंद्रा अगर बैंक के साथ बने रहते तो उनके निवेश की कीमत 3,000 करोड़ रुपये होती।
इस बीच आनंद महिंद्रा ने अपने इस ग्रुप को बुलंदियों पर पहुंचाया। वह साल 1997 में महिंद्रा ग्रुप के एमडी बने थे। आज इस ग्रुप का बिजनेस ऑटो, फार्म इक्विपमेंट, फाइनेंशियल सर्विसेज, आईटी, इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सर्विसेज, स्टील ट्रेडिंग और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में फैला है। उन्होंने देश-विदेश में कई कंपनियों का अधिग्रहण किया और कई बड़े-बड़े निवेश किए। लेकिन महिंद्रा का कहना है कि उनका सबसे अच्छा फैसला उदय कोटक में निवेश करना रहा। अब कोटक महिंद्रा बैंक में उनका कोई स्टेक नहीं है लेकिन फिर भी इस बैंक के साथ उनका नाम जुड़ा हुआ है। महिंद्रा ग्रुप के पास एक एनबीएफसी महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज है।