विदेशी निवेशकों का चालू वित्त वर्ष में 1.48 लाख करोड़ निवेश, इस साल टूटेगा रिकॉर्ड
मुंबई- विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा रिकॉर्ड निवेश किया है। चालू वित्त वर्ष में इन्होंने शुद्ध रूप से 1.48 लाख करोड़ रुपये लगाए हैं। इससे पहले अब तक का सर्वाधिक निवेश 2020-21 में रहा है जो 2.74 लाख करोड़ रुपये था। जुलाई महीने में अब तक 45,365 करोड़ रुपये लगाए हैं।
आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 में इन निवेशकों का कुल निवेश 1.11 लाख करोड़ रुपये, 2012-13 में 1.40 लाख करोड़, 2010-11 में 1.10 लाख करोड़ रुपये रहा है। कैलेंडर साल के लिहाज से देखें तो अब तक का रिकॉर्ड निवेश 1.70 लाख करोड़ रुपये रहा है जो 2020 में कोरोना के समय हुआ था। इस साल जनवरी से लेकर अब तक 1.21 लाख करोड़ का निवेश किया गया है।
कैलेंडर साल के लिहाज से 2021 में 25,752 करोड़, 2019 में 1.01 लाख करोड़, 2014 में 97,059 करोड़, 2013 में 1.13 लाख करोड़, 2012 में 1.28 लाख करोड़ और 2010 में 1.33 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस साल की बात करें तो जनवरी में 28,852 करोड़, फरवरी में 5,294 करोड रुपये की निकासी हुई थी।
मार्च के बाद से इन निवेशकों ने जबरदस्त निवेश शुरू किया है। मार्च में 7,936 करोड़, अप्रैल में 11,631 करोड़, मई में 43,838 करोड़ और जून में 47,148 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरह का निवेश का रुझान है, उस आधार पर विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय बाजार में अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
रुझान बताते हैं कि जब भी एफआईआई निवेश करते हैं बाजार में तेजी रहती है। उदाहरण के तौर पर पिछले साल इन निवेशकों ने 1.20 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी, तब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 62 हजार से टूटकर 53 हजार तक चला गया था। लेकिन जैसे ही इन्होंने वापसी की, सेंसेक्स ने 67 हजार के स्तर को पार कर एक नया रिकॉर्ड बना दिया।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के एमडी सुनील न्याति ने कहा, डॉलर इंडेक्स में कमजोरी और चीन में निवेशकों के घटते विश्वास ने विदेशी निवेशकों का रुझान भारत की ओर हुआ है। प्रतिस्पर्धियों की तुलना में हमारे बाजार महंगे हैं। फिर भी अनुकूल आर्थिक कारकों के साथ भारत एक आकर्षक निवेश गंतव्य बना हुआ है। वैश्विक बाजार में इसकी सकारात्मक गति बरकरार रहने की संभावना है।