होटल में सर्विस चार्ज मामले को लेकर कोर्ट ने लगाया एक लाख रुपये का जुर्माना 

मुंबई- दिल्ली हाईकोर्ट ने सर्विस चार्ज से जुड़े नियम कानून पालन न करने को लेकर नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) पर 1-1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। 

24 जुलाई को दिए आदेश में कोर्ट ने कहा कि इस जुर्माने का पेमेंट भारत सरकार के उपभोक्ता मामले के विभाग को किया जाए। इस मामले की अब अगली सुनवाई 5 सितंबर को होगी। सर्विस चार्ज को लेकर कंज्यूमर हेल्पलाइन में 4 हजार से अधिक शिकायतें हैं। सरकार ने पिछले साल सर्विस चार्ज नहीं वसूलने को लेकर दिशा निर्देश जारी किए थे। इसके बाद से नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पर जबरन सर्विस चार्ज वसूलने को लेकर 4 हजार से ज्यादा शिकायते दर्ज कराई गई हैं। 

इससे पहले 12 अप्रैल को कोर्ट ने NRAI-FHRAI से मांगी थी ये जानकारियां- 

दोनों एसोसिएशन 30 अप्रैल 2023 तक अपने सभी होटल और रेस्टोरेंट की पूरी लिस्ट दाखिल करें जो वर्तमान याचिकाओं का समर्थन कर रहे हैं। उन होटल और रेस्टोरेंट का प्रतिशत बताए जो अपने बिल में अपडेट करके सर्विस चार्ज लेते हैं।  उन सभी होटल और रेस्टोरेंट का प्रतिशत बताए जो सर्विस चार्ज को स्वैच्छिक और अनिवार्य नहीं बनाने के इच्छुक हैं। 

दोनों एसोसिएशन को कोर्ट के आदेश का पालन करना जरूरी थी, लेकिन किसी भी एसोसिएशन ने तय समय तक हलफनामा दाखिल नहीं किया। इसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि एसोसिएशन 12 अप्रैल के आदेश का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे हैं, इन्होंने हलफनामा दाखिल नहीं किया ताकि कोर्ट में सुनवाई आगे न बढ़े। 

अब कोर्ट ने 4 दिन के अंदर दोनों एसोसिएशन को जुर्माने की राशि का पेमेंट करने के आदेश दिए हैं। जब आप किसी प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदते हैं तो उसके लिए कुछ पैसे देने पड़ते हैं। इसे ही सर्विस चार्ज कहते हैं। यानी होटल या रेस्टोरेंट में खाना परोसने और दूसरी सेवाओं के लिए कस्टमर्स से सर्विस चार्ज लिया जाता है। 

कस्टमर भी होटल या रेस्टोरेंट से बिना सवाल-जवाब किए सर्विस चार्ज के साथ पेमेंट कर देते हैं। हालांकि ये चार्ज ट्रांजैक्शन के समय ही लिया जाता है न कि सर्विस लेते वक्त। 

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