2000 रुपये की उधारी लेकर इस कारोबारी ने खड़ी की 20 हजार करोड़ की कंपनी 

मुंबई- सपने देखना और उन सपनों को पूरा करने के लिए जी-जान लगा देने की इच्छाशक्ति अगर आपके पास है तो सफलता जरूर हासिल होगी। कुछ ऐसी ही कहानी है फार्मा किंग दिलीप सांघवी की। कभी घूम-घूम कर दवा बेचने वाले दिलीप सांघवी ने अपने दम पर अपना कारोबार खड़ा किया। न तो वो कारोबारी घराने से ताल्लुक रखते हैं न उनके पास बड़ा बैंक बैलेंस था। 

दिलीप सांघवी का जन्म गुजरात के एक छोटे से शहर अमरेली में हुआ था। पिता शांतिलाल सांघवी कोलकाता में जेनरिक दवाओं की सप्लाई का काम करते थे। कॉलेज पूरा करने के बाद दिलीप सांघवी ने भी पिता के काम में हाथ बंटाना शुरू किया। दवाईयों की नॉलेज मिलने के बाद उन्होंने दवाईयों के डिस्ट्रीब्यूशन का काम शुरू कर दिया। वो फार्मा कंपनियों के लिए डिस्ट्रीब्यूशन का काम करते थे। घूम-घूमकर दवाईयां बेचते थे। एक दिन अचानक उनके दिमाग में ख्याल आया कि अगर मैं दूसरों की बनाई दवाई बेच सकता हूं तो फिर अपनी क्यों नहीं। 

साल 1982 में उन्होंने पिता से 2000 रुपये उधार लिए और अपने दोस्त के साथ मिलकर गुजरात के वापी में अपनी दवा कंपनी सन फार्मा की शुरुआत की। उन्होंने अच्छी क्वालिटी की दवा पर फोकस करते हुए शुरुआत की। शुरू में वो सिर्फ मनोरोग की कुछ दवाएं बनाते थे। दिलीप अब अपनी दवाईयों को बेचना शुरू किया। 15 साल बाद 1997 में दिलीप ने एक अमेरिकी फार्मा कंपनी खरीद ली। उनके इस कदम से अमेरिका में उन्होंने अपनी मौजूदगी दर्ज करवा ली। साल 2007 में उन्होंने इजराइल की कंपनी टारो फार्मा को भी खरीद लिया। 

साल 2014 में सन फार्मा और रैनबक्सी के बीच करार हुआ। जिसके बाद काफी कुछ बदल गया। सन फार्मा ने रैनबैक्सी को करीब 19 हजार करोड़ रुपये में खरीद लिया है। साल 2014 के अंत तक दिलीप सांघवी की कुल संपत्ति 17.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। एक वक्त तो ऐसा भी आया कि वो भारत के सबसे अमीर उद्योगपति बन गए। साल 2015 में फोर्ब्स की लिस्ट में दिलीप सांघवी ने मुकेश अंबानी को पछाड़कर देश के सबसे अमीर उद्योगपति का खिताब हासिल कर लिया। फोर्ब्स के मुताबिक साल 2023 में दिलीप सांघवी की कुल संपत्ति 17.8 अरब डॉलर यानी 1,46,090 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। 19 जुलाई 2023 को सन फार्मा का मार्केट कैप 2,60,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया । 

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