अंबानी और टाटा से पहले जानिए भारत के पहले अमीर कारोबारी कौन थे
मुंबई- भारत के मौजूदा सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी से हर कोई वाकिफ होगा, लेकिन क्या आप उस इंसान के बारे में जानते हैं, जो भारत के पहले सबसे अमीर अरबपति थे। इनके पास खुद के हीरे के खादान और अरबों की ज्वेलरी थी. ये अपने भव्यता, दिखावटी जीवनशैली और विलासिता के लिए जाने जाते थे। ये शख्स हैदराबाद के निजाम थे, जिनका नाम मीर उस्मान अली खान था।
हैदराबाद के निजामों ने 1724-1948 तक 224 वर्षों तक शासन किया, जबतक कि राज्य उनके शासन से मुक्त नहीं हो गया. इतिहास में इन निजामों ने अपने लिए एक खास जगह बनाई। ये अपने अपार धन-दौलत के साथ ही भोग-विलासिता के लिए भी जाने जाते थे।
ईस्ट इंडिया कंपनी के मुताबिक, भारत के पहले और सबसे अमीर अरबपति निजाम मीर उस्मान अली खान थे। ये निजामों में से आखिरी थी और अपने भव्य खर्चों के लिए जाने जाते थे। कहा जाता है कि हैदराबाद के आखिरी निजाम के पास कुल संपत्ति 230 बिलियन डॉलर थी।
उस्मान अली खान 1911 में 25 साल की उम्र में गद्दी पर बैठे और उन्होंने विलय पर सिग्नेचर करने और राज्य को निजाम शासन से मुक्त होने तक हैदराबाद पर शासन किया। उन्हें दुनिया के सबसे धनी लोगों में से एक माना जाता है। निजाम के लिए आय का सबसे बड़ा स्रोत गोलकोंडा की खदानें थीं, जिनके वे मालिक थे और उस समय हीरों के एकमात्र सप्लायर थे।
आखिरी निजाम के गद्दी पर बैठने के तीन साल बाद 1914 में प्रथम विश्व युद्ध शुरू हुआ था। आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने अंग्रेजों की सामना, सेना और वित्तीय तौर पर सहायता की थी। निजाम ने 1917 में हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो राज्य में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय था और यह आज भी एक प्रमुख संस्थान है।
यह निजाम एक साधारण कपड़े पहनकर ही रहते थे और सामाजिक समारोहों में भी साधारण ही रहते थे। उनके पास खुद की मुद्रा थी। इनके पास 100 मिलियन पाउंड सोना, 400 मिलियन पाउंड के गहने थे और खुद की एयरलाइन थी। इस निजाम ने महारानी एलिजाबेथ द्वितीय को शादी के तोहफे के तौर पर 300 हीरों से जड़ा हीरों से जड़ा हार गिफ्ट किया था।
मीर उस्मान अली खान ने 1000 करोड़ रुपये के हीरे को पेपरवेट के रूप में इस्तेमाल किया था। उनके पास 50 रोल्स-रॉयस कारें थीं। 1940 के दशक की शुरुआत में निजाम की कुल संपत्ति लगभग 1700 करोड़ रुपये आंकी गई थी, जो डीएनए के मुताबिक 2023 में लगभग 29,57,70 करोड़ रुपये हो गई।