मुर्दे भी कर रहे हैं मनरेगा में काम, 5 करोड़ से ज्यादा जॉब कार्ड हुए रद्द
मुंबई- सिर्फ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ही नहीं, बल्कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में भी बड़े स्तर पर धांधली हो रही है। काफी अधिक संख्या में लोग फर्जी जॉब कार्ड बनाकर मनरेगा का फायदा उठा रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार अब ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त हो गई है।
सरकार ने फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने के लिए मनरेगा के 5 करोड़ से अधिक जॉब कार्ड को रद्द कर दिया है। खास बात यह कि पिछले साल के मुकाबले मनरेगा के फर्जी जॉब कार्डों की संख्या में बेतहाशा इजाफा हुआ है। कहा जा रहा है कि वित्तवष4 2021-22 के मुकाबले वित्त वर्ष 2022-23 में फर्जी जॉब कार्ड धारकों की संख्या में 247 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
इससे सरकार के ऊपर बेवजह आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा था. साथ ही फर्जीवाड़े और धांधली की वजह से मनरेगा के असली लाभार्थी योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे थे। यही वजह है कि केंद्र सरकार ने 5 करोड़ से अधिक जॉब कार्ड को रद्द कर दिया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एक बयान में कहा है कि मनरेगा में बड़े स्तर पर धांधली हो रही थी।
काफी संख्या में लोगों ने फर्जी और डुप्लिकेट जॉब कार्ड बना लिए थे. साथ ही कई मनरेगा लाभार्थियों की मौत भी हो चुकी है। ऐसे में फर्जी और डुप्लिकेट जॉब कार्ड धारकों के साथ- साथ मर चुके लाभार्थियों के नाम भी वित्त वर्ष 2022-23 में मनरेगा की लिस्ट से हटा दिए गए, जिनकी संख्या 5,1891168 है। पिछले वित्त वर्ष में ऐसे जॉब कार्ड धारकों की संख्या 1,4951247 थी। खास बात यह है कि सबसे अधिक जॉब कार्ड पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कैंसिल किए गए हैं।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान पश्चिम बंगाल में 157309 मनरेगा जॉब कार्ड रद्द किए गए थे, जबकि इस वर्ष इसकी संख्या बढ़कर 8336115 हो गई है. इसी तरह पिछले साल आंध्र प्रदेश में 625514 जॉब कार्ड होल्डर्स के नाम मनरेगा की सूची से हटाए गए थे। लेकिन इस साल इसकी संख्या बढ़कर 7805569 हो गई है। यानि कि वित्त वर्ष 2022-23 में आंध्र प्रदेश में 7805569 मनरेगा कार्ड रद्द किए गए।
इसी तरह, तेलंगाना में वित्त वष4 2021-22 में 61278 जॉब कार्ड कैंसिल किए गए थे, जबकि 2022-23 में इसकी संख्य बढ़कर 17,32,936 हो गई। इसका मतलब यह हुआ कि इस साल तेलंगाना में 1732,936 कार्ड डिलीट किए गए। इसी तरह गुजरात जैसे समृद्ध राज्य में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। यहां पर साल 2021-22 में 1,43,202 मनरेगा जॉब कार्ड कैंसिल किए गए थे, जबिक वित्त वर्ष 2022-23 में 4,30,404 जॉब कार्ड को डिलीट कर दिया गया।