तेल कंपनियों का एक लाख करोड़ हो सकता है चालू वित्त वर्ष में परिचालन लाभ 

मुंबई- सरकारी तेल कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ रुपये का परिचालन लाभ हो सकता है। यह पिछले वित्त वर्ष के 33,000 करोड़ रुपये की तुलना में तीन गुना जबकि 2017 से 2022 के बीच सालाना 60,000 करोड़ की तुलना में करीब 65 फीसदी अधिक हो सकता है। 

क्रिसिल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी तेल कंपनियों का रिफाइनिंग मार्जिन औसत 15 डॉलर प्रति बैरल के साथ रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बावजूद तेल कंपनियों ने मई, 2022 से अब तक खुदरा दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। यानी मजबूत रिफाइनिंग मार्जिन के बावजूद, विपणन घाटा 8 रुपये प्रति लीटर था। उसके बाद कच्चे तेल की कीमत में लगातार गिरावट आई, जिससे इन कंपनियों को पहली तिमाही में परिचालन घाटे से चौथी तिमाही में मजबूत मुनाफे में आने में मदद मिली। 

तेल कंपनियों ने पिछले पांच वित्त वर्ष में 3.3 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इस वजह से सकल कर्ज इन कंपनियों पर 2017 में 1.2 लाख करोड़ से बढ़कर 2023 में 2.6 लाख करोड़ रुपये हो गया है। चालू वित्त वर्ष में 56,000 करोड़ के निवेश की उम्मीद है। 

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