आयकर रिटर्न में फर्जी होम लोन का सहारा लिया तो हो सकती है कड़ी कार्रवाई 

मुंबई- एसेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल (ITR Filing) करने की डेडलाइन तेजी से पास आ रही है। अगर आपने अब तक आईटीआर नहीं भरा है तो आपके लिए जरूरी खबर है। कई बार टैक्सपेयर्स कुछ एक्स्ट्रा टैक्स बचाने के लिए टैक्सपेयर्स फर्जी डॉक्यूमेंट्स का सहारा लेते हैं। इनमें हाउस रेंट से जुड़ी रेंस रसीद, होम लोन के अगेंस्ट एक्स्ट्रा क्लेम्स और डोनेशंस के बारे में झूठे दावे शामिल हैं।  

कुछ टैक्स प्रैक्टिशनर भी टैक्सपेयर्स को ज्यादा रिफंड दिलाने के लिए फर्जी डॉक्यूमेंट्स का सहारा लेने को कहते हैं। लेकिन यह चालाकी आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। खासकर सैलरीड टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के रडार पर हैं। पहले इस तरह के टैक्सपेयर्स के लिए बचना आसान था लेकिन अब रेवेन्यू डिपार्टमेंट आईटीआर की जांच के लिए सॉफ्टवेयर का सहारा ले रहा है। इससे फर्जी डॉक्यूमेंट्स देने वाले टैक्सपेयर्स को पकड़ना आसान हो गया है। 

आयकर विभाग ऐसे करदाताओं को नोटिस भेज रहा है। उनसे टैक्स छूट के दावों से जुड़े दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। ये नोटिस फर्जी हाउस रेंट रिसीट, ऑफिशियल ड्यूटी करने के लिए हेल्पर हायर करने और होम लोन पर चुकाए गए ब्याज के बारे में हैं। ये नोटिस एसेसमेंट ईयर 2022-23 से संबंधित हैं और ये नोटिस आईटी कानून की धारा 133(6) के तहत जारी किए गए हैं। यह कानून टैक्स एसेसिंग ऑफिसर को किसी खास अवधि के दौरान किए गए ट्रांजैक्शन्स के कुछ डिटेल्स की जानकारी मांगने का अधिकार देता है।  

वेतनभोगियों को आईटी एक्ट की धारा 10 (13A) के तहत घर के किराए पर भी टैक्स बेनिफिट मिलता है। सालाना एक लाख रुपये तक के किराए का भुगतान करने पर मकान मालिक के PAN का खुलासा करने की जरूरत नहीं होती है। इसलिए लोग अपने रिश्तेदारों के नाम पर ही फर्जी हाउस रेंट रिसीट बना लेते हैं। 

आयकर विभाग का कहना है कि अब तक कुछ लोग अपना घर होने के बावजूद भी रेंट स्लिप का इस्तेमाल करते हैं, जो कि एक गलत कदम है। अगर किसी भी शख्स का डेटा कम्प्यूटर जांच के दौरान सही नहीं पाया गया तो फिर आयकर विभाग की ओर से उन्हें नोटिस भेजा जा सकता है। मतलब फर्जी रेंट स्लिप लगाने वालों की मुसीबतें बढ़ सकती हैं।  

सीबीडीटी के सेंट्रल एक्शन प्लान के मुताबिक फील्ड ऑफिसर्स टैक्स बेस को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी का बेस्ट यूज कर सकते हैं। इस तरह के फर्जीवाड़े में शामिल टैक्सपेयर्स के साथ-साथ उन्हें टैक्स भरने में मदद करने वाले लोगों पर भी गाज गिर सकती है। इसलिए इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरते समय ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है और केवल सही दावे ही करने चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।  

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